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हरभजन के खराब प्रदर्शन से टीम में उनकी जगह पर उठे सवाल

गाले टेस्ट में मिली शर्मनाक हार के बाद टीम इंडिया के प्रदर्शन पर तमाम सवाल उठ रहे हैं. बल्लेबाजों के साथ ही इन सवालों के घेरे में टीम के सबसे सीनियर प्लेयर हरभजन सिंह भी हैं. हालांकि कप्तान कोहली भज्जी का बचाव कर रहे हैं लेकिन आंकड़े भज्जी का साथ नहीं दे रहे.

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हरभजन सिंह और विराट कोहली
हरभजन सिंह और विराट कोहली

गाले टेस्ट में मिली शर्मनाक हार के बाद टीम इंडिया के प्रदर्शन पर तमाम सवाल उठ रहे हैं. बल्लेबाजों के साथ ही इन सवालों के घेरे में टीम के सबसे सीनियर प्लेयर हरभजन सिंह भी हैं. हालांकि कप्तान कोहली भज्जी का बचाव कर रहे हैं लेकिन आंकड़े भज्जी का साथ नहीं दे रहे.

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बुरी तरह नाकाम रहे भज्जी
हरभजन सिंह के खराब प्रदर्शन के बाद उनके भविष्य को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. गौरतलब है कि मैच में कुल 40 विकेट गिरे जिनमें से 31 विकेट दोनों टीमों के पांच विशेषज्ञ स्पिनरों ने मिलकर लिए लेकिन ऐसे हाल में भी हरभजन को मात्र एक विकेट मिलना निश्चित तौर पर चिंता का विषय है.

अश्विन और मिश्रा 15 विकेट भज्जी एक विकेट
क्योंकि टीम इंडिया के अन्य दो स्पिनरों में से रविचंद्रन अश्विन ने जहां मैच में दस विकेट लिए वहीं अमित मिश्रा पांच विकेट चटकाकर अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई. तो वहीं श्रीलंका की तरफ से थारिंदु कौशल ने आठ जबकि 37 वर्षीय रंगना हेराथ ने पहली पारी के निराशाजनक प्रदर्शन में सुधार करके दूसरी पारी में सात विकेट हासिल किए. एक तरफ जहां हेराथ ने मैच का पासा पलटने में अहम भूमिका निभाई वहीं हरभजन मैदान पर संघर्ष करते ही नजर आए. दिनेश चांदीमल ने इस ऑफ स्पिनर सहित भारतीय आक्रमण की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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कप्तान ने किया भज्जी का बचाव
कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि टर्बनेटर ने केवल एक अच्छा स्पैल किया लेकिन इसके बाद उन्होंने हरभजन का बचाव करते हुए कहा कि बीच में एक समय ऐसा था जब चांदीमल ने प्रत्येक गेंदबाज की धुनाई की. कोहली ने 35 साल के ऑफ स्पिनर का बचाव करते हुए कहा, 'दूसरी पारी में उन्होंने एक स्पैल बहुत अच्छा किया. चांदीमल के प्रत्येक गेंदबाज पर हावी होने से पहले तक वह अच्छी लय में दिख रहे थे. उस सत्र में अन्य गेंदबाजों के साथ वह भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए.'

लय में नहीं दिखे टर्बनेटर
हालांकि हरभजन शुरू से ही लय में नहीं दिख रहे थे और मैच आगे बढ़ने के साथ-साथ यह स्पष्ट दिखने भी लगा. पहली पारी में उन्होंने अश्विन की तुलना में शार्ट लेंथ वाली गेंदें की तथा एंजेलो मैथ्यूज और चांदीमल ने आसानी से उन्हें खेला. वह अश्विन की तरह तेज टर्न हासिल करने में नाकाम रहे और तमिलनाडु के अपने साथी की तुलना उनकी मारक क्षमता आधी थी.

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