2019 वर्ल्ड कप करीब-करीब अपने आधे पड़ाव तक पहुंच चुका है. वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने नाम करने के लिए टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले 10 देश अपना बेहतर से बेहतर देने की कोशिश कर रहे हैं. 17 जून तक वर्ल्ड कप में खेले जा चुके 23 मैचों में करीब 9000 रन कूटे गए हैं. साथ ही बोलर्स 270 विकेट झटक चुके हैं.
इंग्लैंड में वर्ल्ड कप के आयोजन की वजह से उम्मीद की जा रही थी कि यहां की पिच या तो बैटिंग के माकूल फ्लैट ट्रैक्स होंगी या फिर पेस बॉलर्स की पसंद के अनुसार ग्रीन टॉप होंगी. ऐसे में यही कयास लगाए जा रहे थे कि इंग्लैंड की पिचों से स्पिनर्स को शायद ही कोई लाभ मिले.
लेकिन हैरत की बात है कि मौजूदा वर्ल्ड कप स्पिनर्स को भी बड़ा कुछ दे रहा है. डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) ने हिस्सा ले रहे दस देशों की टीमों के स्पिनर्स के प्रदर्शन का विश्लेषण किया. खंगाल कि वो अभी तक कितने कारगर रहे हैं.
सभी टीमों में स्पिनर्स अपने पेस बोलर्स का मज़बूत सहारा साबित हो रहे हैं. औसतन स्पिनर्स हर मैच में 3 विकेट ले रहे हैं. कुल मिला कर अब तक उन्होंने इस वर्ल्ड कप में 59 विकेट लिए हैं. ये सभी गिरे 270 विकेट का 20% बैठता है.
वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही चार टीम ऐसी हैं जिनके स्पिनर्स ने उनकी टीम के कुल लिए विकेटों में 30% से ज़्यादा लिए हैं. दिलचस्प है कि अफगानिस्तान के स्पिनर्स ने अपनी टीम के पेसर्स के बराबर ही विकेट लिए हैं. वहीं बांग्लादेश और भारत के स्पिनर्स ने अपनी टीम के लिए कुल विकेटों में करीब 40% विकेट लिए हैं.
इसी परिप्रेक्ष्य में इंग्लैंड में ही 1999 में हुए वर्ल्ड कप को देखा जाए तो सभी भागीदार टीमों के स्पिनर्स ने कुल गिरे विकेटों में से करीब 15% ही अपने नाम किए थे. उस वर्ल्ड कप में कुल 548 विकेट गिरे थे जिसमें से 87 विकेट ही स्पिनर्स ले सके थे.
हालांकि इस वर्ल्ड में स्पिनर्स कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. स्पिनर्स में सबसे बेहतर प्रदर्शन अब तक दक्षिण अफ्रीका के इमरान ताहिर का रहा है. ताहिर ने अब तक चार मैच खेले हैं जिनमें 8 विकेट झटके हैं. अफगानिस्तान के खिलाफ ताहिर ने 29 रन देकर चार विकेट झटके, इसी वजह से अफगानिस्तान बहुत सस्ते में आउट हो गया.
जहां तक भारत का सवाल है तो चाइनामैन बॉलर युजवेंद्र चहल ने भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआती मैच में ही चार विकेट झटके. चहल और ताहिर दोनों ही टूर्नामेंट में विकेट हड़पने के हिसाब से अभी तक टॉप 10 बॉलर्स की फेहरिस्त में बने हुए हैं.
अभी टूर्नामेंट में 25 मैच बाकी है. देखना दिलचस्प होगा कि स्पिनर्स इसी तरह का बेहतर प्रदर्शन आगे भी कर पाते हैं या नहीं.