पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने नई क्रिकेट प्रतिभा खोजने का एक नायाब तरीका निकाला है. इसके तहत अब कोई भी प्रतिभावान क्रिकेटर सीधे पीसीबी को अपनी क्षमताओं से अवगत करा सकता है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीसीबी जल्द ही ऐसी वेबसाइट शुरू करने जा रहा है जिसमें कोई भी खिलाड़ी, जिसे लगता है कि वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेल सकता है, बल्लेबाजी या गेंदबाजी करते हुए अपना वीडियो इस पर पोस्ट कर सकता है. पीसीबी के कोच उन वीडियो को देखेंगे और यदि किसी का खेल उन्हें पसंद आया तो फिर उसे एनसीए में ट्रायल के लिए चुन लिया जाएगा.
वीडियो पोस्ट करते समय खिलाड़ियों को अपने करियर के बारे में अन्य जानकारियां भी देनी होंगी.
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘इन वीडियो को इसके बाद नियमित रूप से एनसीए में कोच देखेंगे. यदि प्रशिक्षकों को लगता है कि कोई ऐसा खिलाड़ी है जिस पर विचार किया जा सकता है तो उसे एनसीए में आगे के ट्रायल के लिए बुलाया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि यह विचार पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान का था जो इन शिकायतों को सुनकर उकता चुके थे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
टैलेंट हंट का नया ट्रेंड
पीसीबी ने खेलों की दुनिया में एक नया ट्रेंड सेट करने की योजना बना ली है. अगर यह योजना भली भांति चलाई जाती है तो इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे. एक तो खिलाड़ियों को राष्ट्रीय
स्तर पर अपनी प्रतिभा को दर्शाने का सीधा मौका मिलेगा. दूसरा सही प्रतिभा तलाश में लगे खेलों से जुड़े उच्चाधिकारियों को भी इससे काफी सहूलियत होगी. पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान क्रिकेट
अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहा है. इसका कारण कई ऐसे खिलाड़ियों को टीम में शामिल नहीं करना रहा है जो अच्छा खेलने के बावजूद खेल अधिकारियों की नजर में या तो नहीं आए या फिर नहीं हैं.
पीसीबी और सेलेक्शन कमेटी हाल के दिनों में नई प्रतिभा तलाशने पर जोर दे रही है. बोर्ड ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और बॉलिंग ग्रेट वसीम अकरम को इस अभियान के साथ जोड़ा. अकरम देखरेख में पिछले कुछ दिनों से कराची में तेज गेंदबाजों का एक कैंप भी चल रहा है. हालांकि इसमें शामिल गेंदबाजों को या तो राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने चुना है या फिर क्षेत्रीय कोच ने, खुद वसीम अकरम ने नहीं. अब इस तरह की मॉनिटरिंग से संभव है पाकिस्तान को भविष्य में अकरम और वकार जैसे क्रिकेटर देखने को मिलें.
अन्य खेलों में भी ऐसी पहल जरूरी
क्रिकेट पर फोकस करता हुआ पीसीबी का यह अभियान इस मायने में भी बहुत कारगर साबित हो सकता है कि दूसरे खेल भी इससे सीख लें. दूसरे खेलों में भी प्रतिभा चयन की राह को यह व्यवस्था आसान बना सकती है. अगर इस तरह की पहल दूसरे खेलों में भी की जाए और पाकिस्तान के साथ ही उसके पड़ोसी मुल्क भी इसे अपनाएं तो निश्चित ही भविष्य में दूरदराज के क्षेत्रों से कई छुपी प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सकता है.
भारतीय उपमहाद्वीप की आबादी बहुत घनी है. गाहे बगाहे मीडिया के जरिए छुपी हुई प्रतिभा सामने आती रहती है. खेल इकाईयों के द्वारा सीधे खिलाड़ियों के संपर्क में आने से क्रिकेट के साथ ही अन्य खेलों के प्रतिभावानों को अपनी योग्यता को सही मंच पर पेश करने का मौका मिलेगा और साथ ही समुचित अवसर भी और इसकी बदौलत देश को मेडल, ट्रॉफियां और खिताब बटोरने का.