मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ का विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन जारी है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के खिलाफ खिताबी मुकाबले में एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. पृथ्वी शॉ विजय हजारे ट्रॉफी में 800 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी हो गए हैं. शॉ ने 21 साल की उम्र में ये कारनामा किया.
मुंबई के इस बल्लेबाज ने टूर्नामेंट में 165.40 की औसत से 827 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट 138.29 का रहा. शॉ ने फाइनल मुकाबले में 39 गेंदों पर 73 रनों की पारी खेली. उन्होंने 10 चौके और 4 छक्के लगाए. वह तेज गेंदबाज शिवम मावी का शिकार बने. इससे पहले शॉ फील्डिंग के दौरान घायल हो गए थे. पैर में चोट लगने के कारण उन्हें मैदान से बाहर ले जाया गया था.
पृथ्वी शॉ को उत्तर प्रदेश की पारी के 24वें ओवर में पहली स्लिप में क्षेत्ररक्षण के दौरान चोट लगी. गेंद पृथ्वी के बाएं पैर के आगे के हिस्से (शिन) पर लगी और दाएं हाथ का यह बल्लेबाज दर्द से कराहते हुए मैदान पर गिर गया. फिजियो और टीम के साथी इसके बाद पृथ्वी को मैदान से बाहर ले गए.
पृथ्वी के लिए शानदार रहा है टूर्नामेंट
पृथ्वी शॉ के लिए विजय हजारे ट्रॉफी शानदार रही है. उन्होंने टूर्नामेंट में एक नाबाद दोहरे शतक सहित कुल चार शतक जड़े हैं. पृथ्वी ने पुडुचेरी के खिलाफ नाबाद दोहरा शतक जड़ा था. उन्होंने 152 गेंदों पर 227 रनों की कप्तानी पारी खेली, जिसमें 31चौके और 5 छक्के शामिल रहे.
लिस्ट-ए मैचों में भारतीय कप्तान का यह सबसे बड़ा स्कोर है. इससे पहले वीरेंद्र सहवाग ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 219 रनों की कप्तानी पारी खेली थी. साथ ही पृथ्वी ने विजय हजारे ट्रॉफी का सबसे बड़ा स्कोर बनाया. इससे पहले यह केरल के संजू सैमसन के नाम था. 2019 में गोवा के खिलाफ मैच में सैमसन ने 212 रन बनाए थे.