दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर जैक कैलिस ने सरकार की ओर से देश के खेल महासंघों पर लगाए गए प्रतिबंध को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीकी कहलाने में बेहद शर्म महसूस हो रही है.
दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने देश के बड़े खेल महासंघों क्रिकेट, एथलेटिक्स, रग्बी और नेटबॉल में अश्वेत खिलाड़ियों को पर्याप्त मौका न दिए जाने का हवाला देते हुए इन महासंघों द्वारा किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करने पर कम से कम एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है. जिसके बाद अब ये महासंघ कम से कम एक वर्ष के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की न तो मेजबानी कर पाएंगे और न ही उसके लिए दावेदारी कर पाएंगे.
सरकार के इस फैसले पर दुख और नाराजगी जताते हुए कैलिस ने ट्वीट में लिखा है कि सरकार का यह फैसला निराशाजनक है और अब मुझे दक्षिण अफ्रीकी कहलाने पर गर्व के बजाय शर्मिंदगी महसूस हो रही है. खेल में राजनीति शामिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है.
@News24 So sad that i find myself embarrassed to call myself a South African so often these days #no place for politics in sport
— Jacques Kallis (@jacqueskallis75) April 25, 2016
गौरतलब हो कि सरकार देश के सबसे अधिक लोकप्रिय खेलों में ज्यादा से ज्यादा अश्वेत खिलाड़ियों की भागीदारी चाहती थी. लेकिन रंगभेद समाप्त होने के दो दशक से ज्यादा समय के बाद भी श्वेत खिलाड़ियों का ही एथलेटिक्स, क्रिकेट, नेटबॉल और रग्बी टीमों में बोलबाला है. सरकार ने अश्वेत खिलाड़ियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने का हवाला देते हुए इन महासंघों पर एक वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया.