मेरी कॉफी मेरे गले में अटक जाती है जब मैं देखता हूं हमारे ओपनर्स पहले ही ओवर में छक्के जड़ने लगे हैं. कुछ इन लहजों में राहुल द्रविड़ ने हर्षा भोगले के पूछे सवाल का जवाब दिया. ये मौका ट्विटर पर द्रविड़ के साथ बातचीत का था.
I nearly choke on my coffee when I see our openers hit sixes in the first over.They play few more shots than we did. https://t.co/fjIwcWzWga
— BCCI (@BCCI) December 1, 2015
अंग्रेजी में एक कहावत है प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफेक्ट’ और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और अंडर 19 टीम के वर्तमान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की सफलता का भी यही राज है. द्रविड़ ट्विटर पर लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने लिखा, ‘लंबी पारी के लिए मैच से एक दिन पहले मैं 30 मिनट तक प्रत्येक उन गेंदबाजों के लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार करता, जिनकी बॉलिंग पर अगले दिन मुझे बल्लेबाजी करनी होती थी. मैं खूब प्रैक्टिस किया करता था. आप जितनी प्रैक्टिस करोगे उतनी ही बेहतर क्रिकेट खेलोगे.’
क्रिकेट ऑल स्टार्स सीरीज में वो क्यों नहीं खेल, यह पूछे जाने पर द्रविड़ ने कहा, ‘अंडर 19 क्रिकेट टीम की कोचिंग में लगा हूं. फिलहाल इसके लिए समय नहीं है.’ उन्होंने इस दौरान अपने पूरे क्रिकेट करियर को एक सपने जैसा बताया. उनसे पूछा गया था कि अपने करियर को एक शब्द में बताएं.
सहवाग, अश्विन, रहाणे ने पूछे सवाल
बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के ट्विटर हैंडल के जरिए मंगलवार को राहुल द्रविड़ ने लोगों से बातें की. इस दौरान वीरेंद्र सहवाग, अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन और हर्ष भोगले ने भी उनसे सवाल पूछे. सहवाग ने उनसे पूछा, ‘सीनियर क्रिकेट की बेहतरी के लिए क्या करें’. तो द्रविड़ ने लिखा, ‘आपने घरेलू क्रिकेट खेल कर बहुत ही बेहतरीन काम किया है. योगदान देने का भला इससे अच्छा तरीका क्या होगा.’
I think you have done a great job by playing the Ranji season. No better way to contribute. https://t.co/G2jZ04pkyu
— BCCI (@BCCI) December 1, 2015
अजिंक्य रहाणे ने पूछा, ‘बल्लेबाज के तौर पर एक बेहतरीन माइंडसेट क्या है? बॉलिंग करने के बारे में भी क्या कभी सोचा आपने.’ द्रविड़ ने जवाब दिया, ‘तुम्हें कभी नेट में भी गेंदबाजी करते नहीं देखा. सबसे बेहतर माइंडसेट है कि आप भावशून्य बने रहें और अपनी सहज प्रवृति पर यकीन करें.’
Never seen you bowl, even in the nets. Best mindset is to stay blank and trust your instincts. https://t.co/JPAmMTuSI7
— BCCI (@BCCI) December 1, 2015
अश्विन ने पूछा, ‘कोच के रोल का आप कितना आनंद उठा रहे हैं. क्या इसे शुरू करने से पहले आपको यह भूलना पड़ता है कि आप किस तरह के प्लेयर थे.’ द्रविड़ ने कहा, ‘अपने अनुभवों को याद रखना जरूरी है और साथ ही यह भी कि खेल आगे बढ़ता जाता है.’
It's important to remember your experiences and learning as a player and recognise that the game always moves ahead. https://t.co/YjfrFDMBJ6
— BCCI (@BCCI) December 1, 2015
‘अच्छा है आक्रामक क्रिकेट खेलना’
आज अधिकांश टेस्ट मैचों के नतीजे निकल रहे हैं? एक अन्य सवाल के जवाब में पूर्व कप्तान ने कहा, ‘ये माइंडसेट पर निर्भर करता है. वैसे लोग आज आक्रामक क्रिकेट खेल रहे हैं जो क्रिकेट के लिहाज से अच्छा है.’
द्रविड़ से पूछा गया कि वो किस तरह टेस्ट क्रिकेट में डे नाइट और पिंक बॉल को देखते हैं जबकि उन्होंने पिंक बॉल से खेले गए अपने पहले ही मैच में शतक जमाया था. द्रविड़ ने कहा, ‘पिंक बॉल से खेलने में मुझे बहुत मजा आया. पहले डे नाइट टेस्ट में बल्लेबाज पिंक बॉल नहीं बल्कि हरी पिच की वजह से संघर्ष करते रहे.’
स्लिप फील्डर्स के लिए द्रविड़ के टिप्स
द्रविड़ से पूछा गया कि स्लिप और नजदीकी कैच के मामले में टीम इंडिया में कितना सुधार आया है. उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सीरीज के दौरान यह काफी बेहतर हुआ है, रहाणे आज दुनिया के बेहतरीन क्षेत्ररक्षकों में से एक हैं.’ उन्होंने कहा, ‘बेहतर स्लिप फील्डर बनने के लिए आंख-हाथ का बेहतर तालमेल, धैर्य, लंबे समय तक एकाग्रचित रहना और शांतचित होने के साथ तनावमुक्त रहना बेहद जरूरी है.’
स्विंग और स्पिन गेंदबाजी के दौरान क्या स्लिप में फील्डर अलग-अलग तकनीक अपनाते हैं. इस पर द्रविड़ ने कहा, ‘तकनीक अलग नहीं होते लेकिन कैच लपकने की विधि थोड़ा भिन्न होती है. एक में गेंद तेजी से आती है तो दूसरे में विभिन्न कोण पर.’
द्रविड़ ने अपना फेवरेट शॉट स्कवॉयर कट को बताया. इस दौरान एक सवाल के जवाब में द्रविड़ ने अपने पदार्पण मैच में खेली गई 95 रनों की पारी को अपना फेवरेट बताया. इसी दौरान उन्होंने जैक कैलिस और वीवीएस लक्ष्मण को अपने अनुरूप क्रिकेटर बताया.