Rahul Dravid Huged and Cried: रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने पिछले ही महीने यानी जून में टी20 वर्ल्ड कप 2024 खिताब जीता है. इस दौरान राहुल द्रविड़ कोच थे. टूर्नामेंट के बाद उनका कार्यकाल खत्म हो गया है. अब द्रविड़ की जगह गौतम गंभीर ने ली है. मगर इसी बीच स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने द्रविड़ को लेकर एक खुलासा किया है.
अश्विन ने बताया कि वर्ल्ड कप जीतने के बाद जश्न के दौरान द्रविड़ चीख और रो रहे थे. अश्विन ने कहा कि बारबाडोस में भारत की खिताबी जीत के बाद विराट कोहली का द्रविड़ को टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी सौंपना और कोच का खुशी में 'चीखना और रोना' कुछ ऐसा था जो हमेशा उनकी यादों में रहेगा.
'राहुल द्रविड़ चीख और रो रहे थे'
टी20 वर्ल्ड कप 2024 का फाइनल 29 जून को बारबाडोस में खेला गया था. इस खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को रोमांचक अंदाज में 7 रनों से हराकर खिताब जिताया था. इसके बाद द्रविड़ ट्रॉफी को हाथ में उठाकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते नजर आए थे.
अश्विन ने स्वीकार किया कि यह 51 साल के द्रविड़ के लिए विशेष लम्हा था, जो खिलाड़ी के रूप में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) का खिताब नहीं जीत पाए. लेकिन अंतत: कोच के रूप में ऐसा करने में सफल रहे.
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मेरे लिए सबसे शानदार लम्हा वह है जब विराट कोहली राहुल द्रविड़ को बुलाते हैं और उन्हें कप (ट्रॉफी) देते हैं. मैंने उन्हें कप को गले लगाते हुए और रोते हुए देखा. राहुल द्रविड़ चीख और रो रहे थे. मैंने उन्हें इसका लुत्फ उठाते हुए देखा.'
वर्ल्ड कप दौरान द्रविड़ डरे हुए थे
अश्विन का मानना है कि द्रविड़ वेस्टइंडीज में अपने मार्गदर्शन में एक और वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत से पहले कुछ डरे हुए थे. क्योंकि 2007 वनडे वर्ल्ड कप में उनकी कप्तानी में टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई थी.
उन्होंने कहा, 'मैं एक डरे हुए व्यक्ति के बारे में बात करना चाहता हूं. 2007 में 50 ओवरों का विश्व कप. भारत बाहर हो गया. राहुल द्रविड़ तब कप्तान थे. उन्होंने इसके बाद एकदिवसीय टीम की कप्तानी नहीं की. वह भारतीय टीम के साथ थे. अगर कुछ गलत होता, अगर भारतीय टीम बाहर हो जाती या अगर वे मैच हार जाते तो तुरंत वे पूछते कि द्रविड़ क्या रहे हैं.'
द्रविड़ ने प्रत्येक खिलाड़ी को क्या दिया?
अश्विन ने भारतीय कोच के रूप में द्रविड़ की कड़ी मेहनत को स्वीकार करते हुए कहा कि वह टीम में संतुलन लाए और दृष्टिकोण बदला. उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि पिछले दो-तीन वर्षों से वह इस टीम के साथ क्या कर रहे हैं. मैं जानता हूं कि वह कितने संतुलित रहे हैं. मैं जानता हूं कि इस दृष्टिकोण को बदलने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है.'
अश्विन ने कहा, 'मैं जानता हूं कि उन्होंने अपने प्रत्येक खिलाड़ी को क्या दिया है. यहां तक कि जब वह घर पर बैठे होते हैं तब भी वह यह योजना बनाते रहते हैं कि यह कैसे करना है और वह कैसे करना है.' द्रविड़ के मार्गदर्शन में भारत विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप और वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भी पहुंचा, लेकिन दोनों मौकों पर ऑस्ट्रेलिया से हार गया.