Rahul Dravid: टीम इंडिया जब यूएई में टी-20 वर्ल्डकप खेल रही है, तब भारतीय क्रिकेट से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. कभी टीम इंडिया की ‘दीवार’ रहे पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ अब भारतीय टीम के नए हेड कोच होंगे. BCCI ने बुधवार को इसका ऐलान किया. बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली, सेक्रेटरी जय शाह ने राहुल द्रविड़ को बधाई भी दी.
अब जब राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कोच बन गए हैं, तब उनके सामने कई तरह की चुनौतियां भी होंगी जिनको पार पाना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा. आईसीसी ट्रॉफियों का सूखा हो, नए कप्तान की टेंशन, भविष्य के लिए टीम तैयार करने का संकट...राहुल द्रविड़ के लिए ये राह इतनी भी आसान नहीं रहने वाली है.
ऐसे में जानते हैं कि भारतीय टीम के नए कोच के सामने क्या-क्या चुनौतियां हैं...
राहुल द्रविड़ टी-20 वर्ल्डकप के बाद होने वाली न्यूजीलैंड के खिलाफ वाली सीरीज से भारतीय टीम के कोच का कार्यभार संभालेंगे. अभी ये कार्यकाल दो साल का होगा. आने वाले दो साल में भारतीय टीम को कई बड़ी सीरीज, आईसीसी इवेंट्स में हिस्सा लेना है. बतौर कोच रवि शास्त्री की अगुवाई में भारतीय टीम ने कई इतिहास रचे, लेकिन कोई बड़ी ट्रॉफी नहीं जीत पाई और अब ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती इसी सूखे को खत्म करने की होगी.
आईसीसी इवेंट्स: राहुल द्रविड़ का कार्यकाल एक आईसीसी इवेंट्स खत्म होने के बाद शुरू हो रहा है, लेकिन अगले साल फिर एक टी-20 वर्ल्डकप है. उसके बाद 2023 का 50 ओवर वर्ल्डकप है, जो भारत में ही होगा. इसके अलावा टेस्ट चैम्पियनशिप का दूसरा संस्करण भी शुरू हो गया है, उसका फाइनल में 2023 में ही होगा.
इस टी-20 वर्ल्डकप में भारतीय टीम की शुरुआत काफी बेकार रही, जिसके बाद कई तरह के गंभीर सवाल खड़े किए गए. आईपीएल का प्रेशर, कप्तानी की चुनौती, टीम का चयन जैसी बातें सामने आईं, ऐसे में राहुल द्रविड़ को 2022 का टी-20 वर्ल्डकप आने से पहले ही अपनी एक टीम तैयार करनी होगी. भारत ने आखिरी बार कोई आईसीसी ट्रॉफी 2013 में जीती थी, तब एमएस धोनी की अगुवाई में चैम्पियंस ट्रॉफी जीती गई थी.
कौन बनेगा कप्तान?: टी-20 वर्ल्डकप के बाद विराट कोहली इस फॉर्मेट में कप्तानी नहीं करेंगे. अगले एक साल में टीम इंडिया को ज्यादातर टी-20 ही खेलने हैं, ऐसे में अब यही फैसला राहुल द्रविड़ को लेना होगा कि वह किस तरह की टीम तैयार करना चाहते हैं. लगातार खबरें आ रही हैं कि रोहित शर्मा को टी-20 फॉर्मेट का नया कप्तान नियुक्त किया जा सकता है.
वहीं, सवाल ये भी होगा कि क्या बीसीसीआई सिर्फ एक फॉर्मेट का कप्तान बदलेगा या फिर व्हाइट बॉल क्रिकेट और रेड बॉल क्रिकेट के फॉर्मूले पर जाएगा. जैसा कि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका की टीमें करती आई हैं. ये फैसला इतना आसान नहीं होगा क्योंकि अगले दो साल में दो वर्ल्डकप भी हैं.
भविष्य की टीम: पिछले कुछ वक्त में भारतीय टीम ने बतौर टेस्ट टीम काफी ज्यादा ग्रो किया है. लेकिन वह चीज़ वनडे, टी-20 में नज़र नहीं आती है. कई दिग्गजों का मानना है कि टीम इंडिया को युवाओं में इन्वेस्ट करना चाहिए, ताकि खेल का तरीका बदला जाए. ऐसे में राहुल द्रविड़ के सामने छोटे गोल को पूरा करने के अलावा लंबी लकीर भी खींचनी होगी.
राहुल द्रविड़ इस तरह के काम पहले भी कर चुके हैं, यही वजह है कि एनसीए, भारत-ए, अंडर-19 क्रिकेट में उनके द्वारा निखारे गए क्रिकेटर इस वक्त देश का नाम रोशन कर रहे हैं. राहुल द्रविड़ का यही फॉर्मूला अब सीनियर टीम के साथ सच होता दिख सकता है.