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Rahul Mankad: दिग्गज क्रिकेटर वीनू मांकड़ के बेटे राहुल मांकड़ का निधन, खेल चुके थे रणजी क्रिकेट

भारत के दिग्गज क्रिकेटरों में से एक वीनू मांकड़ के बेटे राहुल मांकड़ ने बुधवार को अंतिम सांस ली. वह कुछ वक्त से बीमार थे. राहुल मांकड़ के निधन पर क्रिकेट जगत ने शोक व्यक्त किया है.

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Rahul Mankad (File Photo)
Rahul Mankad (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूर्व रणजी खिलाड़ी राहुल मांकड़ का निधन
  • दिग्गज क्रिकेटर वीनू मांकड़ के बेटे थे राहुल

मुंबई के पूर्व खिलाड़ी और महान क्रिकेटर वीनू माकंड़ (Veenu Mankad) के बेटे राहुल मांकड़ (Rahul Mankad) का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया है. वह 66 साल के थे. राहुल मांकड़ के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं.

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मुंबई के पूर्व खिलाड़ी शिशिर हतंगड़ी की फेसबुक पोस्ट से राहुल मांकड़ के निधन की खबर की पुष्टि हुई जिन्होंने लिखा, ‘जिग्गा भाई, मेरे दोस्त राहुल मांकड़ की आत्मा को भगवान शांति दे.’ वीनू मांकड़ के बेटे राहुल मांकड़ ने लंदन में अंतिम सांस ली.

राहुल मांकड़ का क्रिकेट रिकॉर्ड

दाएं हाथ के बल्लेबाज और बायें हाथ के धीमी गति के गेंदबाज राहुल मांकड़ ने 47 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें उन्होंने 2,111 रन बनाये जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 162 रन का था. उनके नाम पांच शतक और 12 अर्धशतक हैं. उनके भाई (अशोक और अतुल) भी क्रिकेटर ही थे. अशोक ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था जबकि अतुल घरेलू क्रिकेट खेले थे. राहुल मांकड़ 1972-73 से 1984-85 तक खेले थे.

मांकड़ क्रिकेट फैमिली
वीनू मांकड़: 1917-1978
अशोक मांकड़: 1946-2008
अतुल मांकड़:  1949-2011
राहुल मांकड़: 1955-2022

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर टी ए शेखर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘राहुल मांकड़ के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. सही मायने में सज्जन व्यक्ति, अच्छे क्रिकेटर और एक महान इंसान. उनके परिवार को मेरी हार्दिक संवेदनाएं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.’ 

'मांकड़िंग' शब्द का किया था विरोध

आपको बता दें कि वीनू मांकड़ के नाम पर ही क्रिकेट में ‘मांकड़िंग’ की शुरुआत हुई थी. इसपर काफी विवाद रहा, क्योंकि बॉलर जब बॉल फेंकने से पहले ही क्रीज़ से बाहर निकले बल्लेबाज को रन-आउट कर देता था तब उसे खेल भावना से विपरीत माना गया. 

राहुल मांकड़ ने लंबे वक्त से इस मसले पर लड़ाई लड़ी और इसको ‘मांकड़िंग’ बुलाए जाने का विरोध किया था. हालांकि, अब आईसीसी ने इस लीगल किया है और खेल भावना से विपरीत नहीं माना है. 

 

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