भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट गुरुवार को रांची के जेएससीए स्टेडियम में खेल जाएगा, जहां एक बार फिर टर्निंग पिच देखने को मिल सकती है अगर ऐसा हुआ तो टॉस की भूमिका अहम साबित होगी.
इस सीरीज में अब तक बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल पिचें मिली है जहां खेल से ज्यादा पिचों का मिजाज चर्चा का विषय रहा है. पहले टेस्ट में पुणे की पिच को मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने ख़राब रेटिंग दी थी हालांकि बंगलुरु की पिच को आईसीसी ने 'अच्छा' करार दिया है लेकिन यहां भी मुकाबला चार दिन में खत्म हो गया था.
ऑस्ट्रेलियाई खेमे में हलचल
जेएससीए मैदान की पिच को देखकर ऑस्ट्रेलियाई खेमे में हलचल मच गई है.
ऑस्ट्रेलियाई टीम जब मैदान पर प्रैक्टिस के लिए उतरी तो पिच को देखकर उनके मन में कई सवाल उठे. गुरुवार से तीसरा टेस्ट शुरू हो रहा है और ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई खेमे का मानना है कि यह विकेट बहुत जल्दी टर्न लेना शुरू कर सकता है.
पुणे से भी ज्यादा टर्न ले सकती है रांची की पिच
ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन को चिंता है कि यह पिच पुणे से भी ज्यादा टर्न ले सकती है. जहां सीरीज का पहला मैच खेला गया था. उनका मानना है कि विकेट पर दिखने वाले पैच भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, जिन्होंने बंगलुरु में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. पिच पर संभावित उछाल को लेकर भी कंगारू टीम चिंतित है. तेज गेंदबाज पैट कमिंस और जैकसन बर्ड को प्रैक्टिस पिचों पर ज्यादा उछाल नहीं मिल पाया. ऐसे में गुरुवार से शुरू हो रहे टेस्ट मैच में टॉस की भूमिका काफी बढ़ जाती है.