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धवन का 'सक्सेस मंत्र' बना रैंडम टेस्ट, लंका में दो बार दे चुके ये टेस्ट

इसके तहत खिलाड़ियों को कडे़ ट्रेनिंग ड्रिल्स से गुजरना होता है. खिलाड़ियों की फिटनेस को तय करने वाले यो-यो परीक्षण बासु की परियोजना है. इसी के तहत युवराज सिंह को वनडे टीम से बाहर करने की बात कही जा रही है.

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शिखर धवन
शिखर धवन

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शिखर धवन इन दिनों जबर्दस्त फॉर्म में हैं. टेस्ट सीरीज में धमाकेदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने वनडे सीरीज में अपनी लय कायम रखी है. दरअसल, उनकी इस सफलता का राज रैंडम टेस्ट है. टीम इंडिया के कंडिशनिंग कोच शंकर बासु ने किसी भी सीरीज के दौरान खिलाड़ियों के लिए रैंडम फिटनेस टेस्ट जरूरी बना दिया है. इसके तहत खिलाड़ियों को कडे़ ट्रेनिंग ड्रिल्स से गुजरना होता है. खिलाड़ियों की फिटनेस को तय करने वाले यो-यो परीक्षण बासु की परियोजना है. इसी के तहत युवराज सिंह को वनडे टीम से बाहर करने की बात कही जा रही है.

'यो-यो' टेस्ट में फेल हुए युवी-रैना, इसलिए नहीं हुआ सिलेक्शन

 कोलंबो और दांबुला में धवन को देना पड़ा रेंडम टेस्ट

श्रीलंका दौरे पर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को दो बार इस टेस्ट से गुजरते देखा गया. पहली बार सिंहलीज स्पोर्टिंग क्लब ग्राउंड (कोलंबो) में दूसरे टेस्ट से पूर्व उन्होंने रविचंद्रन अश्विन और चेतेश्वर पुजारा के साथ इस परीक्षण में हिस्सा लिया. और फिर दांबुला वनडे से पहले कप्तान विराट कोहली और केएल राहुल के साथ उन्हें टेस्ट में शामिल होना पड़ा. पूर्व कप्तान और विकेटकीपर एमएस धोनी को भी शुक्रवार को अभ्यास सत्र के बाद इस परीक्षण से गुजरते देखा गया था.

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क्या कहना है धवन का-

धवन ने कहा, 'फिटनेस का मुद्दा हमारे लिए हमेशा अहम रहा है, लेकिन अब ये बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि टीम के सभी खिलाड़ियों को एक समान फिट रहना होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिकेट की तीनों विधाओं (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण) में फिटनेस काफी जरूरी है. एक खराब क्षेत्ररक्षण खेल का रुख बदल सकता है.'

टीम प्रबंधन द्वारा लागू की गई इस फिटनेस व्यवस्था को उन्होंने सही करार देते हुए कहा, 'आज का क्रिकेट 10 वर्ष पहले खेले जाने वाले क्रिकेट से काफी बदल गया है. पहले चीजें अलग थी, लेकिन अब खेल में काफी तेजी आई है और आपको फिट रहना होगा. हमसे ऐसी उम्मीद करना उचित भी है. अगर आप फिट नहीं हैं. तो टीम को आपका बोझ उठाना पड़ता है जो टीम के लिए ठीक नहीं है.'

आखिर क्या है यो-यो टेस्ट

अब जरा 'यो-यो' परीक्षण को भी समझ लें. कई 'कोन' की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं. एक खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है. खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है, तो उसे मुड़ना होता है.

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हर एक मिनट या इसी तरह से तेजी बढ़ती जाती है. अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और 'बीप' के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है. अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो परीक्षण रोक दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं.

श्रीलंका में धवन का धमाका

श्रीलंका दौरे की टेस्ट सीरीज में शिखर धवन रन बनानेवालों की सूची में टॉप पर रहे. उन्होंने 3 टेस्ट की 4 पारियों में 358 रन बनाए. जिनमें उनके 2 शतक शामिल हैं. उनका एवरेज 89.50 रहा. जबकि पुजारा 309 रनों के साथ दूसरे और श्रीलंका के दिमुथ करुणारत्ने 285 रनों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. इसके बाद वनडे सीरीज के पहले ही मैच में धवन ने 132 रनों की नाबाद पारी खेली है.

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