भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास की घोषणा कर दी, जिससे उनके 16 साल के हॉकी करियर का अंत हो गया. रानी रामपाल की कप्तानी में भारत ने टोक्यो ओलंपिक (2020) में चौथा स्थान हासिल किया था. यह ओलंपिक के इतिहास में भारती महिला हॉकी टीम का बेस्ट प्रदर्शन था. 29 साल की रानी रामपाल ने भारत के लिए कुल 254 मैचों में 205 गोल किए.
'मैंने कभी नहीं सोचा था कि...'
रानी रामपाल के पिता ठेला खींचने का काम करते थे और वह अपने करियर के दौरान हरियाणा के एक छोटे से शहर से निकलकर लोगों के लिए प्रेरणा बनीं. रानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'यह एक शानदार यात्रा रही है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए इतने लंबे समय तक खेलूंगी. मैंने बचपन से बहुत गरीबी देखी है, लेकिन मेरा ध्यान हमेशा कुछ करने पर था, देश का प्रतिनिधित्व करने पर.'
An era of excellence comes to an end! 🇮🇳🏑
Today, we bid farewell to the one and only Rani Rampal, an icon who has defined Indian hockey for over a decade. From leading India to countless victories to being an inspiration for aspiring athletes across the country, Rani’s legacy… pic.twitter.com/TRer76L8Li— Hockey India (@TheHockeyIndia) October 24, 2024
इस 29 वर्षीय दिग्गज फॉरवर्ड ने ओलंपिक क्वालिफायर (2008) के जरिए 14 साल की उम्र में इंटरनेशनल हॉकी में डेब्यू किया था. फिर उन्होंने 15 साल की उम्र में 2010 के वर्ल्ड कप में भाग लिया, जहां उन्होंने सात गोल किए. इससे भारत को 1978 के बाद से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और वर्ल्ड रैंकिंग में नौवां स्थान हासिल करने में मदद मिली.

रानी रामपाल को मिल चुके ये अवॉर्ड्स
अपने पूरे करियर के दौरान रानी रामपाल ने फॉरवर्ड के अलावा मिडफील्डर खिलाड़ी के रूप में भी भाग लिया. उन्होंने भारतीय टीम की जीतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. रानी उस टीम का भी पार्ट थीं, जिन्होंने साल 2017 में वूमेन्स एशिया कप में रजत पदक और एशियन गेम्स (2018) में सिल्वर मेडल जीता था. उन्हें 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उसी वर्ष देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री उन्हें मिला. रानी को हाल ही में सब जूनियर महिला टीम का राष्ट्रीय कोच नियक्त किया गया था.