छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में रणजी क्रिकेट प्लेयर अमित मिश्रा के घर में घुसकर पड़ोसियों ने हमला कर दिया. इस दौरान घर में मौजूद गर्भवती महिला के सिर पर धारदार हथियार से हमला किया गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गई. इतना ही नहीं नाराज पड़ोसियों ने घर में आए मेहमानों को भी नहीं बख्शा और उसकी भी जमकर पिटाई कर दी. पूरा विवाद मकान की पुताई से निकल जुड़ा हुआ था.
सरकंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले क्रिकेटर (रणजी प्लेयर) अमित मिश्रा के परिवार के साथ हुए मारपीट के मामले में पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है. आरोप है कि हत्या की कोशिश के मामले को महज पड़ोसियों के विवाद के नजरिए से देखा जा रहा है. हालांकि, पुलिस ने इस पूरे मामले में बाद में गंभीरता दिखाते हुए आईपीसी की धारा 147, 254, 323, 452, और 506 के तहत केस दर्ज किया है. बावजूद इसके पीड़ित परिवार ने पुलिस की कार्यवाही से असंतोष जताया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरा विवाद पुताई करवाने के नाम पर हुआ है. विवाद इतना बढ़ गया कि पड़ोसियों ने घर में घुसकर गर्भवती महिला सहित मेहमान तक को नहीं बख्शा और उनकी भी जमकर डंडे से पिटाई कर दी. इस दौरान गर्भवती महिला के सिर पर धारदार हथियार से हमला किया गया, इस पूरे मामले में तोरवा निवासी राजेश तिवारी ने सरकंडा थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है.
राजेश तिवारी ने बताया कि 27 दिसंबर की सुबह कृष्णा विहार सरकंडा में रहने वाले चंद्रिका प्रसाद, मिश्रा के घर गए हुए थे, उन्हें बैंक में एफडी के संबंध में कुछ जानकारी चाहिए थी, इस दौरान चंद्रिका प्रसाद पूजा कर रहे थे. तभी उनके पड़ोसी गंगाधर मिश्रा वहां आए और अपने घर में पुताई के लिए चंद्रिका प्रसाद के घर में पुताई कर रहे कर्मचारी को आने के लिए कहा. चंद्रिका प्रसाद ने पूजा करने के बाद कर्मचारियों को भेजने की बात कही, इस पर गंगाधर मिश्रा भड़क उठे.
जिसके बाद गंगाधर के भाई और उनके बेटे व अन्य लोगों ने रोड, फावड़ा और अन्य हथियार लेकर राजेश तिवारी, चंद्रिका प्रसाद, चंद्रिका की पत्नी शशि, बहू प्रतिमा, हितेश मिश्रा, हितेश की बहन मंजू, अमित मिश्रा (रणजी क्रिकेट प्लेयर) की पत्नी सहित, परिवार के अन्य सदस्यों पर हमला कर दिया. हमले में गंभीर रूप से घायल गर्भवती महिला को तत्काल प्रभाव से अस्पताल पहुंचाया गया. वहीं परिवार के अन्य सदस्यों को भी अस्पताल में ही एडमिट किया गया है.
घायलों की स्थिति को देखते हुए तत्काल प्रभाव से निजी अस्पताल के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उनका उपचार शुरू कर दिया. इस दौरान थाने तक पूरा मामला पहुंच चुका था, लिहाजा पुलिस ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है, हालांकि पीड़ित परिवार पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है.
(रिपोर्ट: मनीष शरण)