Ravichandran Ashwin: अनुभवी रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में मोहाली में श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में एक खास उपलब्धि हासिल कर ली थी. अश्विन टेस्ट क्रिकेट में देश के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए थे. इस दौरान 35 वर्षीय अश्विन ने कपिल देव के 434 विकेट्स के आंकड़े को पार कर लिया था.
अश्विन ने 6 मार्च को दूसरी पारी में मेहमान टीम के चरिथ असलंका को आउट कर यह उपलब्धि हासिल की. इस मुकाबले पर पहुंचने के बाद अश्विन ने कहा कि वह कपिल देव बनने के लिए अपने युवा दिनों में मध्यम तेज गेंदबाज गेंदबाजी करते थे.
सपने में भी नहीं सोचा था...
कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ने को लेकर अपने YouTube चैनल पर बोलते हुए हुए अश्विन ने कहा, 'बहुत विनम्र महसूस कर रहा हूं. 28 साल पहले मैं अपने पिता के साथ कपिल पाजी के लिए चीयर कर रहा था, जब उन्होंने रिचर्ड हेडली के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था. यहां तक कि सपने में भी मैंने उनके विकेटों की संख्या को पार करने के बारे में कभी नहीं सोचा था क्योंकि मैं हमेशा एक बल्लेबाज बनना चाहता था, खासकर जब मैंने आठ साल की उम्र में शुरुआत की थी.'
अश्विन ने कहा, 'साल 1994 में बल्लेबाजी मेरा आकर्षण थी. सचिन तेंदुलकर परिदृश्य में उभर रहे थे और कपिल देव खुद गेंद के एक शानदार स्ट्राइकर थे.' उन्होंने यह भी कहा कि वह उन दिनों अपने पिता की सलाह पर मीडियम पेसर गेंदबाजी करते थे ताकि वह अगला कपिल देव बन सकें.
पिता की सलाह पर करते थे पेस बॉलिंग
अश्विन ने कहा, 'वास्तव में मैं अपने पिता की सलाह पर मध्यम गति से गेंदबाजी करता था, ताकि मैं अगला कपिल पाजी बनने की कोशिश कर सकूं. तब से एक ऑफ स्पिनर बनने और इतने सालों तक भारत का प्रतिनिधित्व करना... मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए खेलूंगा.'
कपिल देव ने 1994 में श्रीलंका के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट मैच में श्रीलंका के खिलाफ हैडली के 431 विकेट्स के रिकॉर्ड को पार किया था. अश्विन पूर्व कप्तान अनिल कुंबले (619), कपिल देव और हरभजन सिंह (417) के बाद 400 से अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले चौथे भारतीय गेंदबाज हैं. वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में नौंवे नंबर पर हैं.