भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों के लिए 18 अप्रैल का दिन बेहद ही अहम है. इस तारीख को जावेद मियांदाद के छक्के और चेतन शर्मा के फुलटॉस के लिए याद किया जाता रहा है. दिसंबर में होगी भारत-पाक क्रिकेट सीरीज
जी हां, हम बात कर रहे हैं उस ऐतिहासिक छक्के की जिसका जिक्र जाने-अनजाने में हर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबले से पहले जरूर किया जाता है. इस छक्के ने जावेद मियांदाद को तो हीरो बना दिया पर तेज गेंदबाज चेतन शर्मा के करियर पर एक ऐसा धब्बा बन गया जो कभी नहीं मिट सकेगा.
आखिरी गेंद, शर्मा का फुलटॉस और मियांदाद का छक्का
ऑस्ट्रेलेशिया कप का फाइनल मुकाबला था. आमने-सामने थे भारत और पाकिस्तान. मैच जीतने के लिए पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर चार रन की जरूरत थी. गेंद चेतन शर्मा के हाथों में थी और सामने क्रीज पर मियांदाद. शर्मा ने यॉर्कर लेंथ गेंद डालने की कोशिश की पर यह फुलटॉस चली गई और मियांदाद मौका नहीं चूके. उन्होंने गेंद को 6 रनों के लिए बाउंड्री पार पहुंचा दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान ने किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार भारत को हरा दिया.
जावेद मियांदाद ने अपनी किताब में लिखा है, 'मैंने पहले से ही तय कर लिया था कि यह गेंद बाउंड्री पार जाएगी. मैं शतक बना कर खेल रहा था इसलिए गेंद को समझने में तनिक भी दिक्कत नहीं हो रही थी. अब भारतीय कहते हैं कि चेतन शर्मा यॉर्कर डालने की कोशिश कर रहे थे पर मुझे तो लगता है कि वो गेंद उनके हाथों से फिसल गई थी. मुझे फुलटॉस मिला वो भी कमर के पास और लेग साइड में, मैंने बल्ला चला दिया. फिर क्या था, हम जीत गए. पाकिस्तान जीत गया.'