ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले दौरे (2020/21) में टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. 2018 में पहली बार सीरीज जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में अपनी लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया था. इस सीरीज जीत में सबसे अहम योगदान युवा भारतीय खिलाड़ियों का जोश और जज्बा था. इस सीरीज में विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत बड़े हीरो बनकर उभरे थे
ऋषभ पंत ने ड्रीम इलेवन के एक प्रमोशनल वीडियो में ऑस्ट्रेलिया दौरे में आई मुश्किलों को साझा किया. पंत ने बताया कि कैसे ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरुआत उनके लिए सबसे मुश्किल वक्त था. उन्होंने सिडनी में दर्द में खेली गई अपनी 97 रनों की पारी के बारे में विस्तार से बताया.
मुश्किल था ऑस्ट्रेलिया दौरा
24 साल के ऋषभ पंत ने कहा कि दौरे की शुरुआत में ही उन्हें मुश्किलों से गुजरना पड़ा. उस दौरे से पहले पंत वनडे और टी-20 टीम से बाहर हो गए थे, जिसका उन्हें गहरा दु:ख था. लेकिन उन्होंने उस वक्त भी अपनी मेहनत जारी रखी. पंत बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले उनका आत्मविश्वास थोड़ा डिगा हुआ था.
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में 36 रनों पर ही सिमट गई थी. इस मुकाबले में मिली बुरी हार के बावजूद भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 4 मुकाबलों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से मात दी थी. भारतीय टीम ने एडिलेड में हार के बाद मेलबर्न और ब्रिस्बेन में जीत दर्ज की थी और सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा था. सिडनी टेस्ट में ऋषभ पंत ने 97 रनों की पारी खेली थी.
दर्द झेलकर खेली थी 97 रनों की पारी
इस पारी में बारे में ऋषभ पंत बताते हैं कि टेस्ट मुकाबले के दौरान उनकी कोहनी में चोट लगी थी, जिसके बाद वह कीपिंग नहीं कर पा रहे थे. उस मुकाबले में ऋषभ पंत की जगह कीपिंग करने के लिए ऋद्धिमान साहा उतरे थे. पंत ने बताया कि बल्लेबाजी के लिए वह इंजेक्शन लेकर उतरे. उन्होंने कहा कि वह किसी भी हाल में बल्लेबाजी छोड़ नहीं सकते थे.
उस वक्त उनका आत्मविश्वास गिरा हुआ था. इसके बावजूद वह टीम इंडिया के लिए 97 रनों की अहम पारी खेली. पंत ने कहा कि वह उस पारी के दौरान दर्द की वजह से बल्ले को भी ठीक से पकड़ नहीं पा रहे थे. जिसकी वजह से उन्होंने बल्लेबाजी के लिए उतरने से पहले पेनकिलर का इंजेक्शन लिया और दवा खाई. पंत ने 118 गेंदों में 12 चौकों और 3 छ्क्कों की मदद से 97 रन बनाए.
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 407 रनों का लक्ष्य दिया था. जब तक उस पारी में ऋषभ पंत क्रीज पर मौजूद रहे, तब तक भारतीय टीम के उस मुकाबले को जीतने की उम्मीदें भी बनी रहीं. हालांकि अंत में अश्विन और हनुमा विहारी की चोट के साथ खेली गई पारी और दोनों के बीच हुई 43 ओवरों की साझेदारी की वजह से भारतीय टीम मुकाबले को ड्रॉ कराने में कामयाब रही. इस मुकाबले के बाद ब्रिस्बेन में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की.