शनिवार को आईपीएल के शानदार मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने दिल्ली डेयरडेविल्स को हरा दिया. लेकिन डेयरडेविल्स के बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपनी पारी से सबका दिल जीत लिया. बड़ी बात ये है कि दो दिन पहले ही ऋषभ अपने पिता के अंतिम संस्कार से लौटे थे.
बुधवार को उत्तराखंड के रुड़की में कार्डिएक अटैक के कारण उनके पिता राजेंद्र पंत का देहांत हो गया. गुरुवार को 19 साल के पंत अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इसके अगले ही दिन वह फिर से अपनी टीम के साथ जुड़ गए. खबर है कि पंत ने प्रैक्टिस में भी हिस्सा लिया. जबकि ये खबरें आ रही थीं कि पिता की मौत के बाद पंत पहला मैच शायद न खेलें. शनिवार को खेले गए मुकाबले में पंत पूरी तैयारी के साथ उतरे.
बनाई हाफ सेंचुरी
ऋषभ पंत को जब बल्लेबाजी का मौका मिला तो उन्होंने पिच पर आते ही अपने इरादे जाहिर कर दिेए. पहली ही गेंद पर ऋषभ ने
शानदार छक्का जड़ डाला. इसके बाद पंत ने आरसीबी के सभी गेंदबाजों की जमकर धुनाई की. हालांकि उन्हें दूसरे छोर से किसी बल्लेबाज
का साथ नहीं मिल पाया. लेकिन पंत आखिरी ओवर तक डटे रहे. आरसीबी के 157 रनों का पीछा करते हुए दिल्ली की टीम 9 विकेट
खोकर 142 रन ही बना सकी. पंत ने 36 गेंदों में तीन चौकों और चार छक्कों की मदद से 57 रन बनाए.
सचिन-कोहली जैसा कारनामा
ऋषभ पंत के साथ जो हुआ वैसा ही कुछ सचिन तेंदुलकर और विरोट कोहली के साथ भी हुआ था. सचिन और विराट ने भी हिम्मत
दिखाते हुए टीम के लिए खेलने का फैसला लिया था.
कोहली जब दिल्ली की रणजी टीम का हिस्सा थे तब एक मैच के दौरान उनके पिता का देहांत हो गया था. कोहली पिता के अंतिम
संस्कार के बाद मैदान पर उतरे और अपनी टीम के लिए शानदार पारी खेली थी.
वहीं इंग्लैंड में खेले गए 1999 वर्ल्ड कप के दौरान सचिन के पिता का देहांत हो गया था. सचिन पिता के देहांत के चलते एक मैच नहीं
खेल पाए थे लेकिन पिता के अंतिम संस्कार के बाद वह फौरन इंग्लैंड पहुंच गए थे. सचिन ने अगले ही मैच में केन्या के खिलाफ सेंचुरी
लगाई थी.
जीत के साथ खुला आरसीबी का खाता, दिल्ली को 15 रनों से दी मात
ऋषभ की इस हिम्मत की हर तरफ चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर उनके जज्बे की खूब सराहना की जा रही है. भले ही वो दिल्ली डेयरडेविल्स को मैच जिताने में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने लाखों लोगों का दिल जीत लिया.