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दूसरे देश से खेलने की सोच रहे हैं श्रीसंत, BCCI ने यूं फेरा सपनों पर पानी

श्रीसंत ने यह भी कहा कि ‘बीसीसीआई एक प्राइवेट फर्म है और हम सब लोग इसे भारतीय टीम कहते हैं.

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एस श्रीसंत
एस श्रीसंत

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आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में आजीवन प्रतिबंध झेल रहे क्रिकेटर श्रीसंत अब किसी दूसरे देश से क्रिकेट खेलने पर विचार कर रहे हैं. एशिया नेट न्यूज के साथ बातचीत करके हुए श्रीसंत ने कहा- ‘मुझे बीसीसीआई की ओर से प्रतिबंधित किया गया है आईसीसी की ओर से नहीं. मैं अभी 34 साल का हूं और अभी 6 साल और क्रिकेट खेल सकता हूं. मेरी लक्ष्य अब सिर्फ क्रिकेट खेलने का है.’

श्रीसंत ने यह भी कहा कि ‘बीसीसीआई एक प्राइवेट फर्म है और हम सब लोग इसे भारतीय टीम कहते हैं. चूंकि बीसीसीआई एक प्राइवेट फर्म है ऐसे में किसी अन्य देश की ओर से क्रिकेट खेलने में कोई अंतर नहीं है. हां केरल की तरफ से रणजी मैच खेलना अलग बात है.’

श्रीसंत के इस बयान के बाद बीसीसीआई ने भी साफ किया है कि ‘कोई भी खिलाड़ी आईसीसी के किसी पूर्ण सदस्य देश द्वारा क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित किया जाता है तो उस सूरत में वह अन्य किसी पूर्ण सदस्य देश की तरफ से क्रिकेट नहीं खेल सकता यहां तक किसी एसोसिएट देश की ओर से भी नहीं. यह सब कोरी बातें है हम अपनी लीगल पोजीशन से वाकिफ हैं.’

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आपको बता दें कि केरल हाई कोर्ट ने बीसीसीआई की याचिका पर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध का फैसला बरकरार रखा है. स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में बरी होने के बावजूद इसके चलते श्रीसंत मैदान पर वापसी नहीं कर सकते. जिससे हार कर अब इस दागी गेंदबाज को दूसरे देश से खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा.

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश नवनीत प्रसाद सिंह वाली खंडपीठ ने कहा कि अदालत बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध पर न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकता और इसलिए श्रीसंत पर लगा प्रतिबंध बरकरार रखता है. जबकि इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने ही अगस्त में श्रीसंत पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था.

केरल हाई कोर्ट पिछले ने मंगलवार को इस मामले पर अपना फैसला सुनाया. इस फैसले के कारण श्रीसंत नाराज होकर ने ट्विटर पर लिखा था, “यह सबसे खराब फैसला है. मेरे लिए क्या कोई खास नियम है? असली अपराधी का क्या? चेन्नई सुपर किंग्स का क्या? और राजस्थान का क्या?’

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