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वनडे में तेंदुलकर ने आज ही के दिन पहली बार लहराया था बल्ला

पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे तेंदुलकर ने 41 गेंदों में 7 चौके और 1 छक्के की मदद से 53 रन बनाए.

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सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

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28 साल पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के वनडे करियर की शुरुआत बेहद खराब रही और पहली 2 पारियों में वह खाता भी नहीं खोल सके थे. उनका पहला वनडे पाकिस्तान के खिलाफ 1989 में 18 दिसंबर को पाकिस्तान के खिलाफ था, लेकिन 2 गेंद खेलने के बाद बिना खाता खोले आउट हो गए. उसके बाद अपना दूसरा वनडे 1990 में 1 मार्च को डुनेडिन में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला और यहां भी वही हिसाब किताब रहा. 2 गेंद खेली और खाता यहां भी नहीं खुला.

शुरुआती 8 पारियों में 40 का आंकड़ा भी छूने में नाकाम रहने वाले तेंदुलकर ने 5 दिसंबर, 1990 को अपने नौंवें वनडे में बल्ले को हवा लहराने का मौका हासिल कर ही लिया. पुणे में श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 3 मैचों की सीरीज के दूसरे वनडे में अर्धशतकीय पारी खेली.

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पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे तेंदुलकर ने 41 गेंदों में 7 चौके और 1 छक्के की मदद से 53 रन बनाए. 228 रनों के लक्ष्य के जवाब में भारत ने 4 ओवर शेष रहते 4 विकेट खोकर जीत हासिल कर लिया. मैच में भारत की ओर से 3 फिफ्टी लगी. ओवरऑल देखा जाए तो तेंदुलकर ने 463 वनडे की 452 पारियों में रिकॉर्ड 96 अर्धशतक जमाए जबकि उनके बल्ले से वनडे में 49 शतक भी निकले हैं.

गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में भी दिखाया जलवा

मैच में उन्होंने ऑलराउंड प्रदर्शन भी किया. बल्ले से कमाल दिखाने से पहले उन्होंने गेंदबाजी में कमाल दिखाया और दोनों सलामी बल्लेबाजों को आउट कर 2 विकेट झटक लिए. यह दोनों विकेट भारत के लिए बेहद उपयोगी साबित हुए क्योंकि रोशन महानामा और धम्मिका राणातुंगा की सलामी जोड़ी नेटीम को अच्छी शुरुआत दिलाई और पहले विकेट के लिए 52 रन जोड़े थे.

17 बरस के तेंदुलकर के लिए यह मैच हर लिहाज से बेहद यादगार रहा क्योंकि उन्होंने क्षेत्ररक्षण में भी गजब का कमाल दिखाया और 2 बल्लेबाजों को कैच आउट कराने में अपना योगदान दिया, साथ ही एक बल्लेबाज को रन आउट भी किया.

पहली बार वनडे में मैन ऑफ द मैच

अपने इसी ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत वह वनडे क्रिकेट में पहली मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने. इसके बाद वह रिकॉर्ड 62 मैचों में मैन ऑफ द मैच बने. जबकि 15 बार मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी जीता.

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली फिफ्टी और 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब टेस्ट से आया. अपने करियर के दूसरे ही टेस्ट मैच में उन्होंने फैसलाबाद (23 नवंबर, 1989) में पाकिस्तान के खिलाफ 59 रनों की पारी खेली.

जबकि पहली बार मैन ऑफ द मैच का खिताब अगस्त 1990 में मैनचेस्टर टेस्ट से मिला, जिसमें इंग्लैंड के खिलाफ उनका प्रदर्शन वाकई में लाजवाब था. मैच में उन्होंने 68 और नाबाद 119 रनों की पारी खेली जिससे भारत ड्रॉ कराने में कामयाब रहा. इसी टेस्ट से महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने डेब्यू किया था.

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