प्रणव धनवाड़े को रिकॉर्ड 1009 रन बनाने के बाद जश्न मनाने का एक और मौका तब मिला, जब महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने मुंबई के इस स्कूली छात्र को अपने आटोग्राफ वाला बल्ला गिफ्ट में दिया. बीसीसीआई ने तेंदुलकर के इस कदम की सराहना करते हुए ट्वीट किया, 'मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने आटोग्राफ वाला बल्ला प्रणव धनवाड़े को उनकी रिकॉर्डतोड़ पारी के लिए उपहार में दिया.'
Master Blaster @sachin_rt gifts his own autographed bat to #PranavDhanawade for his record breaking innings pic.twitter.com/N8eoqQ4AQK
— BCCI (@BCCI) January 7, 2016
हस्तियों ने दी बधाई
पंद्रह वर्षीय धनवाड़े के रिकॉर्ड पारी खेलने के बाद तेंदुलकर उन्हें बधाई देने वाले सबसे पहले व्यक्तियों में शामिल थे. सचिन ने ट्वीट किया था, 'प्रणव धनावड़े को एक पारी में 1000 से अधिक रन बनाने वाला पहला बल्लेबाज बनने पर बधाई. शाबाश और कड़ी मेहनत करो. आपको भी नई उंचाई छूनी चाहिए.'
Congrats #PranavDhanawade on being the first ever to score 1000 runs in an innings. Well done and work hard. You need to scale new peaks!
— sachin tendulkar (@sachin_rt) January 5, 2016
भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने भी इस युवा बल्लेबाज की प्रशंसा की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'बहुत अच्छी बल्लेबाजी. यह मायने नहीं रखता कि यह किस स्तर की क्रिकेटर थी, लेकिन आंकड़ा अविश्वसनीय है. अगला सचिन तेंदुलकर तैयार हो रहा है.'
😳😳😳well played...no matter what levels cricket it is but numbers are just unbelievable.another @sachin_rt in making? https://t.co/XcXCFf4QoB
— Harbhajan Singh (@harbhajan_singh) January 5, 2016
रचा इतिहास
मुंबई के क्रिकेटर प्रणव धनावड़े ने अंतर स्कूल टूर्नामेंट में नाबाद 1009 रन बनाकर नया इतिहास रच दिया था. वह क्रिकेट इतिहास में चार अंकों का स्कोर बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं. केसी गांधी हायर सेकेंडरी स्कूल की तरफ से खेल रहे 15 वर्षीय धनावड़े ने मुंबई क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित भंडारी कप इंटर स्कूल टूर्नामेंट में आर्य गुरुकुल के खिलाफ केवल 323 गेंदों पर यह स्कोर बनाया और उनका स्ट्राइक रेट 312.38 रहा. प्रणव ने 323 गेंदों में 59 छक्कों और 129 चौकों की मदद से यह पारी खेली.
सरकार उठाएगी पढ़ाई का खर्च
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने इस युवा खिलाड़ी प्रणव धनवाड़े की बेहतरीन क्रिकेट उपलब्धि की सराहना की और राज्य सरकार ने उसकी कोचिंग और शिक्षा का आगे का खर्च उठाने का फैसला किया है.
पिता चलाते हैं ऑटो
मैदान पर रनों की बरसात करने वाले प्रणव के पिता एक ऑटो रिक्शा चलाते हैं. बावजूद इसके उन्होंने बेटे की परवरिश में कोई कमी नहीं रखी और उसे क्रिकेट खेलने के लिए हमेशा बढ़ावा दिया.