सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को मुंबई रेलवे पुलिस के ‘सेफ्टी अलर्ट मैसेज एक्सक्लूसिवली फॉर पैसेंजर्स’ कैम्पेन का उद्घाटन किया और अपने बचपन की यादें ताजा कीं. उन्होंने बताया कि कैसे एक बार दादर स्टेशन पर शॉर्टकट के चक्कर में वह दो लोकल ट्रेनों की चपेट में आते-आते बचे थे.
मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि 'मैंने मुंबई में 11 से 15 साल की उम्र में क्रिकेट की भारी किट उठाकर लोकल ट्रेनों में धक्के खाते हुए खूब सफर किया है. इसी दौरान एक बार रेलवे ट्रैक पार करते हुए मेरी और एक दोस्त की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी. रोंगटे खड़े कर देने वाला यह अनुभव हमेशा मुझे याद रहेगा.'
ट्रेन की पटरियों के बीच बैठकर बचाई जान
सचिन ने कहा कि 'जब मैं 12-13 साल का था तो स्कूल के बाद विले पार्ले में एक दोस्त के घर गया था. हमारी फिल्म देखने की इच्छा हुई. फिल्म देखने के बाद क्रिकेट प्रैक्टिस करने जाने के लिए हम लेट हो रहे थे. हमें दादर में दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाना था. तब हमने रेलवे का नियम तोड़ा और पटरियां लांघने लगे. इसी दौरान सभी पटरियों पर आगे-पीछे से लोकल ट्रेनें हमारी ओर आती दिखीं. हम सभी बेहद घबरा गए. तभी अपनी क्रिकेट किट नीचे फेंक दी और दोनों तरफ की पटरियों के बीच की जगह पर जैसे-तैसे घुटने टेककर बैठ गए.' ट्रेनें गुजरने पर हमारी जान में जान आई. उसी दिन जिंदगी में कभी रेलवे ट्रैक नहीं लांघने की कसम खा ली थी.'
रेलवे लाइन पार करने से बचने की सीख दी
सचिन ने बताया कि उस वक्त वे बहुत घबरा गए थे और उस पल को याद कर आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. सचिन ने कहा कि इसके बाद मैंने कभी रेलवे लाइन पार नहीं की. उन्होंने लोगों से भी अपील की है
कि वे भी रेलवे लाइन पार करने से बचें.