scorecardresearch
 

सचिन का खुलासा- 28 साल पहले पाक के खिलाफ पहली पारी के बाद क्यों रोने लगे थे

सचिन तेंदुलकर ने पहली पारी में 15 रन बनाए थे. 28 साल पहले की याद ताजा करते हुए सचिन तेंदुलकर ने फेसबुक लाइव में कहा- जब मैं अपनी पहली पारी खेलकर ड्रेसिंग रूम में पहुंचा तो मुझे लगा कि रॉन्ग प्लेस पर मैं रॉन्ग टाइम आ गया.

Advertisement
X
कपिल, सचिन और अजहर
कपिल, सचिन और अजहर

Advertisement

सचिन तेंदुलकर ने ठीक 28 साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर का पहला इंटरनेशनल मैच खेला था. 1989 में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई अपनी पहली पारी को इस मौके पर याद किया. उन्होंने खुलासा किया कि पहली बारी में उन्हें क्या दिक्कतें हुई थीं और उसके बाद वे क्यों रोने लगे थे. बता दें कि सचिन ने जब खेलना शुरू किया था तो उनकी उम्र 16 साल थी.

पहली पारी के बाद क्यों रोने लगे थे सचिन?

सचिन तेंदुलकर ने पहली पारी में 15 रन बनाए थे. 28 साल पहले की याद ताजा करते हुए सचिन तेंदुलकर ने फेसबुक लाइव में कहा- जब मैं अपनी पहली पारी खेलकर ड्रेसिंग रूम में पहुंचा तो मुझे लगा कि रॉन्ग प्लेस पर मैं रॉन्ग टाइम आ गया. बहुत मुश्किल में था. बाथरूम में गया, रोने लगा. फिर वहां जो सीनियर प्लेयर्स थे उन्होंने मुझे समझाया. मुझे प्रोत्साहित किया. बताया कि आपको (मुझे) क्या करना चाहिए. फिर अगले मैच में मुझे कॉन्फिडेंस आया.

Advertisement

आज ही के दिन सचिन ने किया था डेब्यू, इसी दिन खेली आखिरी पारी

पाक जाने से पहले मुझे नहीं पता था कैसे होगा बॉलिंग अटैक

सचिन ने बताया कि पाकिस्तान जाने से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्हें नहीं पता था कि वहां कैसे मैच खेलना था. उन्होंने कहा- सिलेक्शन से पहले मैंने ईरानी ट्राफी में 100 बनाया. इसके बाद सिलेक्ट हो गया टीम इंडिया में. फिर मैं पाकिस्तान गया. वहां तगड़ा बॉलिंग अटैक, वहां क्या होगा मुझे कुछ नहीं पता था. वहां कुछ ओवर खेला तो पता चला कि अटैक इस तरह का होगा. उस वक्त इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनुस जैसे तगड़े गेंदबाज थे. उनकी बॉल को फेस करना कठिन काम था.

बताया क्या था जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट

सचिन तेंदुलकर ने आगे कहा- पहली पारी में मुश्किल से 15 रन बनाए थे. इसके बाद मैंने अपने करियर की दूसरी पारी में फिफ्टी लगाई. उस दौरान मुझे पता चला कि मैं ये कर सकता हूं. जब मैं दूसरी पारी खेलने गया तो मैंने तय रखा था कि मुझे स्कोर बोर्ड नहीं देखना है, मैं सिर्फ घड़ी देख रहा था. मैं सिर्फ वहां मैदान पर वक्त बिताना चाहता था. किसी भी कीमत पर मुझे वहां खड़ा रहना था. मुझे विश्वास हुआ कि मैं कर सकता हूं. 59 रन बनाए. ये मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट था. उन लोगों के सामने खेलने के बाद आपको आनंद मिलेगा.

Advertisement

युवाओं को मैसेज- कभी शॉर्ट कट्स मत लो, अपने ड्रीम चेज करो

सचिन ने कहा- आज की युवा पीढ़ी के लिए मेरा मैसेज है कि चेज योर ड्रीम. मैं जब दस साल का था तो मैंने टीम इंडिया के लिए खेलने के लिए ड्रीम देखा था. हमेशा से चैलेंज रहेगा, करियर के अंतिम दिन तक चैलेंज था. देश को रिप्रजेंट करने से बड़ा कोई सम्मान नहीं. कैप पहना था तो वो बेस्ट फीलिंग थी. जब ट्राफी उठाई थी तो वह दूसरी बार फीलिंग. मुश्किल टारगेट सेट करें अपने लिए. जब वो आप पाएंगे तो पूरी कंट्री आपको चीयर्स करेगी.

Advertisement
Advertisement