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Sakshi Dhoni: बिजली संकट से नाराज धोनी की वाइफ साक्षी, ट्वीट कर सरकार से पूछे तीखे सवाल

Sakshi Dhoni: झारखंड में बिजली संकट से महेंद्र सिंह धोनी की वाइफ साक्षी परेशान हैं. उन्होंने ट्वीट कर सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं.

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एमएस धोनी और साक्षी धोनी (इंस्टाग्राम)
एमएस धोनी और साक्षी धोनी (इंस्टाग्राम)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • झारखंड में बिजली कटौती से लोग परेशान
  • साक्षी धोनी ने सरकार से पूछे सवाल

पूर्वोत्तर राज्य झारखंड के लोगों को बिजली संकट से दो-चार होना पड़ रहा है. अब टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी की पत्नी साक्षी ने झारखंड में हो रही बिजली कटौती पर गंभीर सवाल उठाए हैं. साक्षी ने ट्वीट करते हुए सरकार से पूछा है कि राज्य में इतने सालों से बिजली संकट क्यों है.

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साक्षी धोनी ने ट्वीट किया, 'झारखंड के एक करदाता के रूप में बस यह जानना चाहती हूं कि झारखंड में इतने सालों से बिजली संकट क्यों है? हम जिम्मेदारी के साथ यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम ऊर्जा की बचत करें.'

राज्य के लोग लगातार लोड शेडिंग से पीड़ित हैं क्योंकि राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है. हीटवेव ने पश्चिम सिंहभूम, कोडरमा और गिरिडीह जिलों को अपनी चपेट में ले लिया. जबकि इसके 28 अप्रैल तक रांची, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, पलामू और चतरा में फैलने की संभावना है.

पहले भी उठा चुकी हैं ये मुद्दा 

साक्षी धोनी ने साल 2019 में भी बिजली संकट को लेकर सवाल खड़े किए थे. तब उन्होंने ट्वीट किया था, 'रांची के लोगों को आए दिन बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है. प्रतिदिन चार से सात घंटों के लिए बिजली कटौती की जा रही है. आज यानी 19 सितंबर 2019 को बीते पांच घंटे से बिजली नहीं है. आज बिजली कटौती का कारण समझ नहीं आता क्योंकि मौसम सही है और आज कोई त्योहार भी नहीं है. मुझे उम्मीद है कि इस समस्या का संबंधित अधिकारियों द्वारा समाधान निकाला जाएगा.'

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राज्य में दिन को भी बिजली की लोड शेडिंग हो रही है, वहीं पीक आवर में परेशानी कुछ ज्यादा ही है. फिलहाल गर्मी के चलते राज्य की डिमांड 2500 मेगावाट से अधिक है. इसके लिए पूरा दारोमदार टीवीएनएल की दो यूनिटों पर है, जिससे अभी लगभग 350 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है. 23 अप्रैल को आधुनिक पावर यूनिट में उत्पादन प्रभावित होने की वजह से यह संकट बढ़ गया है.

उधर, विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में कमी के चलते ऊर्जा संकट का खतरा पैदा हो गया है. इसी सिलसिले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिजली की बढ़ती मांग से निपटने के लिए सोमवार को अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया.


 

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