वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. कागज पर दोनों टीमें मजबूत हैं, बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी, हर डिपार्टमेंट तगड़ा दिखाई पड़ रहा है. लेकिन फिर भी एक पहलू ऐसा है जिस पर बहस भी हो रही है और थोड़ा सस्पेंस भी बना हुआ है. बताया गया है कि भारत बनाम न्यूजीलैंड का मैच ड्यूक्स बॉल से होने जा रहा है. अब सवाल है कि ड्यूक्स बॉल क्या निर्णायक भूमिका निभाने जा रही है? क्या ये गेंद जीत और हार का अंतर तय कर सकती है? सचिन तेंदुलकर ने इस पहलू पर तकनीकी जानकारी दी है.
ड्यूक्स गेंद क्यों मायने रखती है?
आजतक के E-Salaam Cricket 2021 में सचिन ने बताया है कि ड्यूक्स गेंद से खेलना थोड़ा अलग जरूर रहता है, लेकिन इसके अपने फायदे हैं. उनके मुताबिक ड्यूक्स गेंद थोड़ा देर से स्विंग करना शुरू करती है, लेकिन जब करती है तब लंबे समय तक होती रहती है. ऐसे में तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिल पाती है. वहीं, सचिन ने ये भी बताया है कि ड्यूक्स गेंद काफी बाउंस करती है और क्योंकि इंग्लैंड की पिच पर स्वाभाविक उछाल भी रहता है, ऐसे में ये पहलू भी मैच में निर्णायक भूमिका निभाने जा रहा है.
खेलना मुश्किल या आसान?
वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि ड्यूक्स की गेंद स्पिनरों के लिए ज्यादा मददगार नहीं होती. अब इस बात से सचिन ज्यादा इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनके मुताबिक जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, ड्यूक्स गेंद को शाइन करवाना आसान रहता है. ऐसे में वो शाइन ही स्पिनरों को मदद करती है और अहम मौकों पर विकेट चटकाने में मदद रहती है, क्योंकि ड्यूक्स के साथ नेचुरल बाउंस भी रहता है. सचिन मानते हैं कि स्पिनर उसका भी फायदा उठा सकते हैं.
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ड्यूक्स की कूकाबुरा से तुलना
सचिन तेंदुलकर ने इस बात पर भी जोर दिया है कि मैच से पहले इस बात पर तुलना करना कि कूकाबुरा की गेंद ज्यादा अच्छी या ड्यूक्स की, ये सही नही है. वे मानते हैं कि हर गेंद का अपना स्वभाव जरूर रहता है, लेकिन मैच के दौरान सिर्फ प्लेयर्स का टेंपरामेंट मायने रखता है, ये भी मायने रखता है कि प्रेशर को किस तरीके से हैंडल किया जा रहा है. ऐसे में किसी भी मैच में गेंद और पिच से ज्यादा खिलाड़ी की अपनी काबिलियत काफी मायने रखती है. भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच में यहीं देखने वाली बात रहेगी.