जब विदेशी धरती पर जा भारतीय टीम जीतकर आती है, तब उस जीत के मायने भी अलग हो जाते हैं और उसे काफी निर्णायक भी माना जाता है. रिकॉर्ड बताता है कि आज भी भारत विदेशी धरती पर ज्यादा स्ट्रगल करता है. कुछ सालों में सुधार तो हुआ है, लेकिन अभी भी वो सहजता नहीं दिखती है. अब आजतक के E-Salaam Cricket 2021 में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भारतीय टीम की उस कमजोरी को पहचान लिया है. उन्होंने बता दिया है कि आखिर क्यों इंग्लैंड की पिच पर भारतीय टीम इतना स्ट्रगल करती है.
गांगुली ने बताई इंडिया की कमजोर कड़ी
सौरव मानते हैं कि भारत की मजबूत कड़ी उनकी बल्लेबाजी रही है. अगर टीम ने पहली पारी में ही बेहतरीन बल्लेबाजी कर ली तो मैच जीतने की उम्मीद काफी ज्यादा बढ़ जाती है. लेकिन होता ये है कि विदेशी धरती पर भारतीय बल्लेबाज कई बार अपने आप को सेट नहीं कर पाते हैं. वहां के कंडीशन में खुद एडजस्ट करना बड़ी चुनौती रहता है, शॉर्ट बॉल को प्रभावी अंदाज में खेलना भी दिक्कत का सबब बनता है. अब यही सारे फैक्टर भारत को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की पिच पर स्ट्रगल करने को मजबूर कर देते हैं. गांगुली मानते हैं कि अगर भारत को न्यूजीलैंड के सामने मजबूती से टिके रहना है, तो बल्लेबाजी का ठोस होना जरूरी है.
ओपनर्स की बड़ी जिम्मेदारी
अब यहां भी गांगुली ने ओपनर्स की ज्यादा जिम्मेदारी बताई है. उनकी नजरों में नीचे के बल्लेबाज भी तभी परफॉर्म कर पाएंगे जब उन्हें एक बेहतीन नींव दी जाएगी. अब वो नींव डालने का काम रोहित शर्मा और शुभमन गिल को करना है. अगर उनका बल्ला चला और उन्होंने न्यूजीलैंड अटैक के सामने 15-20 ओवर खेल लिये, तो बाद में ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज स्थिति का पूरा फायदा उठा सकते हैं और टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा सकते हैं.
क्लिक करें- E-Salaam Cricket 2021: गांगुली ने बताया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के जीत का फॉर्मूला
भारत को बड़ा स्कोर खड़ा करने की जरूरत
गांगुली ने जोर देकर कहा है कि भारत को पहली पारी में कम से कम 400 रन बनाने की जरूरत है. अगर भारत ने इतना बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया तो भारतीय गेंदबाज न्यूजीलैंड को काफी परेशान कर सकते हैं. वैसे जो आंकड़ा गांगुली बता रहे हैं, वैसा ही कुछ सुनील गावस्कर ने भी कहा था. उन्होंने यहीं कहा था कि मैच जीतने के लिए 350 से 400 रन बनाना जरूरी रहेगा. ऐसे में अब सभी की नजर गुरुवार को होने जा रहे भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच पर है जब दो वर्ल्ड क्लास टीमें एक- दूसरे से भिड़ेंगी और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप जीतने का दम भरेंगी.