Salaam Cricket 2019: 'आजतक' और 'इंडिया टुडे' के मंच 'सलाम क्रिकेट' के सेशन 'सचिन vs वसीम– द ग्लेडियेटर्स' में भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने शिरकत की. सेशन को सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर विक्रांत गुप्ता ने संचालित किया.
रविवार को लॉर्ड्स (लंदन) में आयोजित कॉन्क्लेव के दौरान सचिन ने कहा कि 2003 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले मुझे 10 दिनों तक नींद नहीं आई थी. क्योंकि पाकिस्तान की गेंदबाजी बहुत जबरदस्त थी. भारत से मैच हारने पर वसीम ने कहा कि हां ये मेरे साथ भी हुआ. भारत और पाकिस्तान के मैच के बीच बहुत दबाव होता है, क्योंकि मैच से एक दिन पहले मां कहती है मैच नहीं हारना, बहन कहती है मैच नहीं हारना, रिक्शे वाला कहता है मैच नहीं हारना. ऐसे में दबाव बनता जाता है. लेकिन जो प्लेयर दबाव झेल जाते हैं वो ही जीतते हैं.
अकरम ने कहा कि जब हम जवान थे, तो सोते कम थे. उस समय फर्क नहीं पड़ता, 30 की उम्र के बाद फर्क पड़ता है. हम भी प्रोफेशनल थे लेकिन आज बहुत कुछ बदल गया है. सचिन ने दबाव को लेकर कहा कि मैं सोता नहीं था लेकिन सोचता था कि कैसे खेलूंगा. पहले 10-15 साल तो मैं मैच के पहली वाली रात नहीं सो पाया. इतना समय बीतने के बाद मैंने समझा कि खेलना कैसे है. मैं हमेशा इस बात पर ध्यान देता था कि बैट पर गेंद कहां लग रही है. अगर मेरे बैट पर गेंद सही से लग रही है तो मैं प्रैक्टिस नहीं करता था. जिसका एक उदाहरण है 2003 वर्ल्ड कप में मैंने सिर्फ एक नेट सेशन किया.
सचिन के साथ अपनी दोस्ती पर अकरम ने कहा कि हम हमेशा से अच्छे दोस्त रहे हैं. वो जबरदस्त होस्ट हैं, अगर बुलाएं तो जरूर जाना. घर का खाना खिलाते हैं. तभी सचिन ने कहा कि मैं अच्छा खाना बनाता हूं और मुझे खाना बनाना पसंद है. सचिन ने कहा कि बहुत से क्रिकेटर देखें हैं जो फील्ड से बाहर होते ही एक-दूसरे को भूल जाते हैं. लेकिन अकरम उनमें से नहीं हैं, हम उनसे परिवार की बातें करते हैं. अच्छे दोस्त हैं.
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने बताया कि जब मैं 17 साल की उम्र में टीम में आया था तो मैं बड़े खिलाड़ियों को खुश करने की कोशिश में रहता था. मैं उनसे कंपीटिशन करता था. आप हर किसी की इज्जत करते हो लेकिन जब आप मैदान पर होते हो तो अच्छा खेलना होता है फिर सामने चाहे कोई भी हो.
अकरम ने कहा कि 90 के दशक में भी स्लेजिंग चल रही थी. उन्होंने कहा कि स्लेज उस बल्लेबाज को किया जाता है जिसे गुस्सा आता हो लेकिन सचिन तो शांत रहते थे. वो स्लेजिंग से मोटिवेट होते थे. इसलिए हम इन्हें कुछ भी कहना बंद कर दिया था. अकरम ने कहा बताया कि एक समय में 15 ओवरों का पावरप्ले था और जब कोई परफेक्ट बल्लेबाज आता था, तो मुझे लगता था कि इसे आउट तो होना नहीं है और शॉट भी प्रॉपर खेलेगा.
सबसे कठिन बल्लेबाजों में वसीम अकरम ने विवियन रिचर्ड्स को सबसे खतरनाक बल्लेबाज बताया. उन्होंने कहा कि हम छोटे-छोटे बच्चे और वो इतना बड़ा जिन्न. वो बिना हेलमेट के आते थे. अगर मुझे किसी एक बल्लेबाज को चुनना पड़े तो उनका ही नाम लूंगा. उनका एक अलग ही औरा था. वो बेहतरीन कप्तान और उससे भी बेहतरीन बल्लेबाज थे.