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एक आकलन: NZ को हरा फाइनल में पहुंचेगा साउथ अफ्रीका

क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में इस बार कुछ नया होने जा रहा है. इस बार यह तय है कि वर्ल्ड कप के फाइनल में एक ऐसी टीम पहुंचेगी जो इससे पहले कभी फाइनल में नहीं पहुंची. इस आर्टिकल के लेखक को लगता है कि तमाम आंकड़ों और मिथ को झुठलाते हुए इस बार साउथ अफ्रीका के फाइनल में पहुंचने के ज्यादा आसार हैं.

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South Africa
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क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में इस बार कुछ नया होने जा रहा है. इस बार यह तय है कि वर्ल्ड कप के फाइनल में एक ऐसी टीम पहुंचेगी जो इससे पहले कभी फाइनल में नहीं पहुंची. न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के बीच वर्ल्ड कप का पहला सेमीफाइनल मंगलवार को ऑकलैंड में खेला जाएगा. हालांकि न्यूजीलैंड ने सबसे ज्यादा 7 बार वर्ल्ड कप सेमीफाइनल खेला है, जबकि साउथ अफ्रीका के लिए यह चौथा सेमीफाइनल है. लेकिन इस आर्टिकल के लेखक को लगता है कि तमाम आंकड़ों और मिथ को झुठलाते हुए इस बार साउथ अफ्रीका के फाइनल में पहुंचने के ज्यादा आसार हैं.

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मेजबान के ऊपर मेहमान का पलड़ा भारी..
न्यूजीलैंड ने 2015 वर्ल्ड कप में अभी तक अपने सारे मैच जीते हैं. वहीं साउथ अफ्रीका को अपने 7 में से 5 मैचों में जीत और 2 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है. आंकड़े मेजबान न्यूजीलैंड के पक्ष में जाते हुए जरूर दिखाई दे रहे हैं लेकिन साउथ अफ्रीका इस बार वर्ल्ड कप की प्रबल दावेदार है. आइए खिलाड़ी-दर-खिलाड़ी दोनों टीमों को तौलते हैं.

एबी डिविलियर्स vs ब्रेंडन मैक्कुलम: यह न सिर्फ दो एक जैसी टीमों का मुकाबला है बल्कि दो एक जैसे बल्लेबाज और कप्तान का भी मैच है. एबी डिविलियर्स और ब्रेंडन मैक्कुलम दोनों ही इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं. दोनों सामान रूप से खतरनाक भी हैं. लेकिन डिविलियर्स का फॉर्म मैक्कुलम के ऊपर भारी पड़ सकता है. डिविलियर्स ने 7 मैचों में अभी तक 417 रन बनाए हैं, वहीं मैक्कुलम के बल्ले ने इतने ही मैच खेलकर 269 रन उगले हैं. हालांकि स्ट्राइक रेट के मामले में मैक्कुलम जरूर आगे हैं. दरअसल मैक्कुलम एक जुए की तरह हैं चले तो उन्हें रोकना बहुत मुश्किल है. लेकिन कंसिस्टेंसी के मामले में डिविलियर्स मैक्कुलम से बेहतर नजर आए हैं. बतौर कप्तान भी डिविलियर्स बढ़िया रणनीतिकार माने जाते हैं और उनकी टीम का बैलेंस भी न्यूजीलैंड से थोड़ा बेहतर ही है.

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डेल स्टेन vs ट्रेंट बोल्ट: न्यूजीलैंड अगर मौजूदा वर्ल्ड कप में इस मुकाम पर है तो इसमें सबसे बड़ा योगदान उनके गेंदबाजों का है. मंगलवार को होने वाले पहले सेमीफाइनल में कीवी टीम एक बार फिर बहुत हद तक ट्रेंट बोल्ट पर निर्भर रहेगी. बोल्ट इस समय वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा (19) विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. बोल्ट ने सबको काफी प्रभावित किया है, लेकिन साउथ अफ्रीका की धाकड़ बल्लेबाजी के सामने उनकी असल परीक्षा होगी. वहीं साउथ अफ्रीका के पास अनुभवी डेल स्टेन हैं. एक बड़े मैच का बड़ा खिलाड़ी. बेशक इस वर्ल्ड कप में स्टेन का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक न हो लेकिन यह गेंदबाज कभी भी फॉर्म में वापसी करके विपक्षी बैटिंग को तहस-नहस कर सकता है. साउथ अफ्रीका के मोर्ने मोर्कल और काइल एबॉट इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं. वहीं न्यूजीलैंड के टिम साउदी वेस्टइंडीज के खिलाफ जिस तरह से पिटे हैं उनका हौसला थोड़ा गिरा हुआ है. एडम मिल्न की चोट से भी मेजबान टीम की गेंदबाजी थोड़ी कमजोर हो गई है.

हाशिम अामला vs मार्टिन गुप्टिल: मार्टिन गुप्टिल का फॉर्म न्यूजीलैंड के लिए सोने पर सुहागा है. गुप्टिल ने अब तक 7 मैचों में 498 रन बनाए हैं. सेमीफाइनल में इस बल्लेबाज का प्रदर्शन कीवियों के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा. वहीं हाशिम आमला ऐसे बल्लेबाज हैं जो किसी भी गेंदबाजी के खिलाफ लंगर डालकर खड़े होने की क्षमता रखते हैं. आमला ने इस वर्ल्ड कप में 323 रन बनाए हैं. अगर कीवियों को फाइनल में पहुंचना है तो आमला को जल्दी निपटाना होगा और गुप्टिल को एक बार फिर बड़ी पारी खेलनी होगी.

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मिलर, डुमिनी, डूप्लेसिस vs विलियम्सन, टेलर, एंडरसन: दोनों टीमों के मिडिल ऑर्डर की बात करें तो साउथ अफ्रीका की टीम बेहतर नजर आती है. डेविड मिलर और फाफ डूप्लेसिस का बल्ला रंग में है, जबकि डुमिनी को हमेशा से ही एक थिंकिंग क्रिकेटर माना जाता है. रिले रूसो और क्विंटन डी कॉक भी साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजी को चार चांद लगा सकते हैं. जबकि कीवियों का मिडिल ऑर्डर तुलनात्मक रूप से थोड़ा कमजोर है. केन विलियम्सन ने कुछ मुकाबलों में रन जरूर बनाए हैं लेकिन प्रदर्शन में एकरूपता नहीं रही है. रॉस टेलर फॉर्म के लिए जूझते हुए दिखे हैं. कोरी एंडरसन आक्रामक जरूर हैं लेकिन कंसिस्टेंसी की कमी साफ दिखी है. ग्रांट इलियट और लूक रोंकी को ज्यादा बल्लेबाजी मिली नहीं है, और जब मिली तो फेल ही साबित हुए हैं. ऐसे में मध्यक्रम साउथ अफ्रीका का मजबूत है.

डेनियल विटोरी vs इमरान ताहिर: न्यूजीलैंड के छोटे मैदानों पर भी डेनियल विटोरी का प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा है. अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए विटोरी ने 7 मैचों में 15 विकेट लिए हैं. ऐसे में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों को इस गेंदबाज को थोड़ा संभलकर खेलना होगा. वहीं साउथ अफ्रीकी लेग स्पिनर इमरान ताहिर भी गजब के फॉर्म में हैं और उन्होंने भी इतने ही मैच खेलकर 15 विकेट चटकाए हैं. लेकिन अनुभव के आधार पर न्यूजीलैंड का स्पिन डिपार्टमेंट थोड़ा बेहतर है. ऑकलैंड का मैदान छोटा जरूर है लेकिन स्पिनर भी बल्लेबाजों के लिए अच्छी-खासी चुनौती पेश कर सकते हैं.

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