Shafali Verma: भारतीय महिला टीम की सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने बहुत कम समय में खुद को स्थापित किया है. महज 15 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाली शेफाली ने पिछले दो वर्षों में स्मृति मंधाना के साथ मिलकर महिला क्रिकेट की सबसे विस्फोटक सलामी जोड़ी बनाई है. शेफाली ने अब तक भारत के लिए दो टेस्ट, छह वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं.
इंटरनेशनल क्रिकेट में दो साल बिताने के बाद 17 वर्षीय शेफाली वर्मा इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हो गयी हैं कि उन्हें अपने खेल में लगातार सुधार करना होगा. ऐसे में उनका ध्यान तेज गेंदबाजों की शार्ट पिच गेंदों के सामने अपना खेल बेहतर करने पर लगा हुआ है. वह तेजी से उठती गेंदों पर अपने खेल को बेहतर बनाने के लिये गुरुग्राम में अंडर-25 पुरुष खिलाड़ियों की 200-250 गेंदों का सामना कर रही है. इन गेंदबाजों की औसत रफ्तार 125 से 130 किमी प्रति घंटा है.
शेफाली ने हुंडई का ब्रांड एम्बेसडर बनने के बाद पीटीआई से कहा, 'यह अच्छा अहसास है कि मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो साल पूरे कर लिये हैं लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है. मैं अपने खेल के उन एरिया को जानती हूं जिनमें मुझे बेहतर होने की जरूरत है और इनमें से एक क्षेत्र शार्ट पिच गेंदों को खेलना है'
हाल ही आस्ट्रेलिया में महिला बिग बैश लीग खेलकर स्वदेश लौटी शेफाली ने कहा, 'कोच ने भी मुझे गेंदों को उनकी योग्यता के हिसाब से खेलने के लिये कहा है और मैं ऐसा करना जारी रखूंगी. मैं कभी अपना खेल नहीं बदलूंगी.
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेली गई सीरीज के दौरान शेफाली को शार्ट पिच गेंदों को पीछे हटकर खेलते हुए देखा गया, जिसका मिला-जुला परिणाम देखने को मिला था. यहां शेफाली के अकादमी के कोच उन्हें सीमेंट, एस्ट्रोटर्फ और सामान्य विकेटों पर शार्ट पिच गेंदों को खेलने के लिए कह रहे हैं.
वह पुरुष गेंदबाजों का सामना करने के अलावा थ्रो डाउन पर भी अभ्यास कर रही है. शेफाली ने कहा, 'अब आप मुझे आगे बढ़ने के बाद पीछे हटते हुए नहीं देखेंगे.आप मुझे क्रीज के इर्द गिर्द रहकर ही गेंद को उसकी मेरिट के अनुसार खेलते हुए देखेंगे.'
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो साल पूरा करने को लेकर शेफाली ने कहा कि उन्हें प्रत्येक मैच में कुछ नया सीखने को मिला और टेस्ट क्रिकेट खेलकर उनका सपना सच हो गया. शेफाली ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट में मैंने जितना सोचा था उससे कहीं अधिक सीखा खासकर धैर्य रखने के बारे में. यह सर्वश्रेष्ठ फॉर्मेट है और मेरे लिये यह सपना सच होने जैसा था.'
शेफाली ने बताया, 'मुझे टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली पारी (96 रन) बहुत पसंद है. मैं तब वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रही थी. यह पारी हमेशा मेरे लिए खास रहेगी.'
न्यूजीलैंड में अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिट रहना चाहती हूं और अपने खेल पर कड़ी मेहनत करना चाहती हूं और भारत को जीत दिलाने में मदद करना चाहती हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं और अधिक गर्ल्स को इस खेल को अपनाने के लिये प्रेरित कर सकूंगी.
शेफाली वर्मा के कोच अश्वनी कुमार को लगता है कि समय और अनुभव के साथ शेफाली बेहतर होती जाएंगी. उन्होंने कहा, 'हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह अभी भी 17 वर्ष की हैं. उनके स्वप्निल टेस्ट डेब्यू से पता चलता है उन्हें उच्चतम स्तर पर सफल होने के लिए आवश्यक तकनीक मिली हुई है.'