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शार्दुल बोले- ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कर रहे थे स्लेजिंग, रन बनाने पर था हमारा ध्यान

शार्दुल ठाकुर ने मैच के बाद कहा, 'वे मेरे साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं उनको जवाब नहीं दे रहा था. एक या दो बार मैंने उन्हें एक शब्द में जवाब दिया. यहां तक कि उन्होंने मेरे उपर छींटाकाशी करने की भी कोशिश की, लेकिन मैंने उसे नजर अंदाज कर दिया और अपना खेल जारी रखा.'

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India vs Australia
India vs Australia
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ठाकुर बोले- हमारी योजना ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थकाने की थी
  • शार्दुल ठाकुर ने 115 गेंदों पर नौ चौके और दो छक्के लगाए
  • शार्दुल-सुंदर ने 123 रनों की पार्टनरशिप की

शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया. शार्दुल ठाकुर (67) और वॉशिंगटन सुंदर (62) के बीच सातवें विकेट के लिए हुई शतकीय और बहुमूल्य साझेदारी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने यहां अपनी पहली पारी में 336 रन का स्कोर बनाया.

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शार्दुल ठाकुर ने मैच के बाद कहा, 'वे मेरे साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं उनको जवाब नहीं दे रहा था. एक या दो बार मैंने उन्हें एक शब्द में जवाब दिया. यहां तक कि उन्होंने मेरे उपर छींटाकाशी करने की भी कोशिश की, लेकिन मैंने उसे नजर अंदाज कर दिया और अपना खेल जारी रखा.'

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शार्दुल ठाकुर ने 115 गेंदों पर नौ चौके और दो छक्के लगाए. सुंदर ने 144 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का लगाया. ठाकुर ने कहा, 'हम स्कोर बोर्ड की तरफ नहीं देख रहे थे. हमारी योजना विकेट पर कुछ समय बिताने की थी. हम जानते थे कि उनके गेंदबाज थक रहे थे और यह पहले पहले घंटे की बात थी.'

ठाकुर ने कहा, 'हमारी योजना थी कि अगर हम उनके गेंदबाजों को और थकाते हैं तो हम मैच में बने रहेंगे. इसलिए हमारे लिए यह जरूरी था कि हम उन्हें थकाएं और कमजोर गेंदों का फायदा उठाएं.'

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ऑस्ट्रेलिया ने इसके जवाब में तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 21 रन बना लिए हैं और उसे अब तक 54 रनों की बढ़त हासिल हो चुकी है.

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी पहली पारी में 369 रनों पर समेट दिया था और इस लिहाज से ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में केवल 33 रनों की ही बढ़त मिल पाई.

ठाकुर ने कहा, 'जब हम क्रीज पर नए थे तो हम डिफेंड करने की कोशिश कर रहे थे. जैसे जैसे हमारी साझेदारी बड़ी होती हो गई तो हमने शॉट खेलना शुरू कर दिया. हमें पता था कि गाबा में उछाल है और अगर गेंदबाज अपनी लाइन और लेंथ से भटकता है तो हम खराब गेंद पर शॉट खेल सकते हैं.

 

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