शशांक मनोहर को निर्विरोध बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है. मुंबई में आयोजित स्पेशल जनरल मीटिंग में उनके नाम पर मुहर लग गई है. मनोहर को सभी 6 संघों का समर्थन हासिल हुआ. वह जगमोहन डालमिया के निधन के बाद अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.
बीसीसीआई की आम सभा की विशेष बैठक में रविवार को उन्हें दूसरी बार अध्यक्ष पद के लिए चुना गया. इससे पहले शशांक मनोहर 2008 से 2011 तक अध्यक्ष पदभार संभाल चुके हैं. खास बात यह भी रही कि मनोहर के खिलाफ किसी ने नामांकन नहीं किया. ईस्ट जोन की सभी छह इकाइयों ने सर्वसम्मति से मनोहर की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया था, जो बोर्ड की राजनीति में पूर्व प्रमुख एन श्रीनिवासन के घटते दबदबे का भी संकेत है.
BCCI Special General Meeting in Mumbai pic.twitter.com/KfHMxOTtXW
— ANI (@ANI_news) October 4, 2015
मनोहर इससे पहले 2008-2009 और 2010-2011 के बीच तीन साल बीसीसीआई अध्यक्ष रह चुके हैं. बीसीसीआई की आम सभा की विशेष बैठक में अध्यक्ष पद पर मनोहर की नियुक्ति महज औपचारिकता बची थी, क्योंकि नामांकन फॉर्म की समीक्षा के बाद ही पता चला था कि पूर्व क्षेत्र की सभी छह इकाइयों ने प्रस्ताव के रूप में अलग-अलग हस्ताक्षर किए थे. बीसीसीआई के उप चुनाव में मनोहर को पूर्व क्षेत्र से सिर्फ एक प्रस्तावक की जरूरत थी, जबकि उन्होंने सभी छह संघों की स्वीकृति मिली.
डालमिया के बेटे ने भी दिया था प्रस्ताव
अध्यक्ष पद के लिए शशांक मनोहर के नाम के प्रस्तावकों में दिवंगत डालमिया के बेटे अभिषेक भी रहे, जिन्होंने आम सभा की विशेष बैठक में अपने पारिवारिक क्लब नेशनल क्रिकेट क्लब (एनसीसी) का प्रतिनिधित्व किया. श्रीनिवासन ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया. मनोहर के नाम का प्रस्ताव बंगाल से सौरव गांगुली, त्रिपुरा से सौरव दासगुप्ता, असम ने गौतम राय, ओडिशा से आशीर्वाद बेहड़ा और झारखंड से संजय सिंह ने रखा था.