भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री ने अपने ही अंदाज में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली पर तंज कसा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबित शास्त्री ने अपनी भारत के सफल कप्तानों की लिस्ट में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का नाम नहीं रखा है. बल्कि महेंद्र सिंह धोनी 'दादा' कप्तान कहा है.
'दादा कप्तान को मेरा सलाम'
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और स्टार कॉमेंटेटर रवि शास्त्री ने कहा है कि मेरी नजर में महेंद्र सिंह धोनी देश के सबसे सफल कप्तान हैं. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने कई उंचाईयों को छुआ है और दूर -दूर तक धोनी के आसपास कोई कप्तान भी नहीं ठहर सकता. 'मेरा सलाम दादा कप्तान को'. शास्त्री ने कहा कि धोनी ने किसी रिकॉर्ड को हासिल करने के लिए कप्तानी नहीं थी. ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने 94 टेस्ट मैच के बाद ही टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास ले लिया था.
धोनी ने अपनी मर्जी से संन्यास लिया: शास्त्री
महेंद्र सिंह धोनी जब भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे थे. उस समय रवि शास्त्री भारतीय क्रिकेट टीम के डायरेक्टर थे. शास्त्री ने कहा चयनकर्ता कैसे 2019 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर भारतीय टीम का भविष्य तय कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि धोनी ने अपने दम पर ही कप्तानी छोड़ी है और मैं उनके इस निर्णय से खुश हूं.
चैंपियन्य ट्रॉफी के खिताब को बचाना है
इंग्लैंड में होने वाली चैंपियन्स ट्रॉफी के लिए विराट कोहली को पहले ही समय दिया गया है. जिससे भारतीय टीम अपने खिताब की रक्षा कर सके. महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम ने सभी आईसीसी ट्रॉफियां जीती हैं. विराट कोहली को अभी लंबा रास्ता तय करना है.
कपिल देव में दूसरे सबसे सफल कप्तान: शास्त्री
भारत के सबसे सफल कप्तानों की सूची में शास्त्री ने दूसरे नंबर पर वर्ल्ड कप विजेता पूर्व कप्तान कपिल देव को रखा है. कपिल की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार 1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था. इसके अलावा 1986 में इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट सीरीज भी जीती थी. शास्त्री की सूची में तीसरे नंबर पर अजीत वाडेकर आते हैं. वाडेकर की कप्तानी में भारत ने 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया था.
गावस्कर और टाइगर पटौदी भी शामिल
शास्त्री की सूची में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर और टाइगर पटौदी भी हैं. गावस्कर की कप्तानी में भारत ने 1984 में वर्ल्ड सीरीज अपने नाम की थी.
क्यों नहीं है शास्त्री की लिस्ट में सौरव गांगुली
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने कई ऊंचाइयों को छुआ है. बावजूद इसके शास्त्री ने अपने सफल कप्तानों की सूची में गांगुली का नाम रहीं रखा. असल में दोने के बीच एक विवाद है और ये तब हुआ था जब भरतीय टीम के लिए कोच का चुनाव होना था. उस समय कोच सिलेक्शन कमेटी में सचिन, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली और संजय जगदाले थे. इंटरव्यू के समय लक्ष्मण और संजय ताज बंगाल होटल में थे. सचिन स्काइप के जरिए लंदन से जुड़े थे. शास्त्री बैंकॉक में थे और वे भी वीडियो लिंक के जरिए जुड़े. जब शास्त्री इंटरव्यू दे रहे थे, तब सौरव वहां मौजूद नहीं थे. वो मीटिंग रूम से बाहर चले गए थे. उस वक्त फोन कॉल्स भी उन्होंने नहीं उठाए.
शास्त्री ने गांगुली पर उठाए थे सवाल
शास्त्री ने बाद में मीडिया से कहा था 'मैंने टीम डायरेक्टर के रूप में 18 महीने काफी मेहनत की थी, फिर भी मुझे हेड कोच के रूप में नहीं चुना गया. मुझे जब यह खबर मिली तो मैं काफी निराश हुआ.' 'मेरा इंटरव्यू शाम को 5 से 6 बजे के बीच हुआ था. इंटरव्यू के दौरान सचिन, वीवीएस लक्ष्मण और संजय जगदाले थे. गांगुली नहीं थे.'
गांगुली ने दिया था शास्त्री को जवाब
इस पर सौरव गांगुली ने भी रवि शास्त्री पर निशाना साधा था. गांगुली ने कहा था, 'मैं भी शास्त्री को एक एडवाइस देना चाहता हूं कि अगर आपके लिए यह इंटरव्यू इतना ही अहम था तो बैंकॉक के किसी बीच पर छुट्टी न मनाते हुए आपको यहां होना चाहिए था'. तब से लेकर अबतक दोनों के बीच तनातनी चल रही है. ऐसा माना जाता है कि शास्त्री और गांगुली के संबंध कभी अच्छे नहीं रहे हैं.