सलामी बल्लेबाज शिखर धवन फिलहाल टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं. 37 साल के धवन ने अपना आखिरी मैच दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था. उसके बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया. धवन अब आईपीएल 2023 में पंजाब किंग्स के लिए अपना जलवा बिखेरेंगे. आईपीएल की शुरुआत से पहले धवन ने 25 मार्च (शनिवार) को आजतक के शो 'सीधी बात' में सुधीर चौधरी के साथ खास बात की.
धवन ने अपना वनडे करियर साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू किया था. धवन अपने वनडे डेब्यू पर शतक बनाने का सपना लेकर उतरे थे. धवन ने उस डेब्यू की कहानी सुनाते हुए कहा, 'पहला मैच बारिश के चलते नहीं हो पाया, फिर अगले मैच के लिए विशाखापट्टनम पहुंचे जहां डेब्यू हुआ. मुकाबले में पहले फील्डिंग आई और मैं मिडऑफ वगैरह दिशा में खड़ा हो गया. 50 ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने 250 से ज्यादा रन बनाए. फिर मैं बैटिंग करने गया और दूसरी ही गेंद पर बोल्ड हो गया. मैं वापस जाते वक्त सोच रहा था कि क्या सोचकर आया था और क्या हो गया.'
धवन इसलिए 0 पर आउट होकर खुश थे
धवन ने आगे कहा, 'डगआउट में आने पर सुरेश रैना कहते हैं कि वो भी जीरो पर आउट हुए, धोनी भाई भी 0 पर आउट हुए थे. यानी जो भी 0 आउट हुआ वो लकी है. तो मैं खुशी मनाने लगा, लेकिन अंदर से सहमा भी था क्योंकि एक मैच बारिश में धुल गया था और एक मैच में 0 पर आउट हो गया था, तो ऐसे में पता नहीं रहता है कि अगला मौका कब मिलेगा. सहवाग और गौतम गंभीर उस वक्त प्राइम पर थे. उस मैच में एक और चीज हुई, युवराज सिंह को रनर चाहिए था और रनर भी मुझे ही बनाकर भेजा.'
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धवन बताते हैं, 'जब रनर बनाकर मुझे भेजा गया तो मैं हंस रहा था. विराट कोहली ने आखिरी गेंद पर रन लेना चाहा, लेकिन मैंने मना कर दिया. युवराज सिंह अगले ओवर में आए और बोल्ड हो गए. युवी पाजी ने कहा कि मैं तुम्हारी वजह से बोल्ड हुआ. मैंने सोचा एक ही मैच में सबकुछ मेरे साथ हो गया, क्या एक मैच के लिए मुझे बुलाया गया था. उसके बाद मुझे दो साल बाद 2012 में मौका मिला था, मैं वनडे और टी20 में वापस आया था.'
धवन को ट्रोलिंग से फर्क नहीं पड़ता
शिखर धवन ने कहा कि उन्हें ट्रोलिंग से फर्क नहीं पड़ता है. जब केरल में कुत्तों को मार दिया था, तो ट्रोलिंग हुई. उस दौरान एक बच्चे को रेबीज हो गया था. धवन कहते हैं, 'यदि किसी सरकार ने अच्छा काम किया है तो उसकी क्यों ना तारीफ की जाए. यूपी में हिंसा कम हुई है. फायदा तो जनता को हुआ है ना.' शिखर धवन ने रोड एक्सीडेंट में घायल हुए ऋषभ पंत को एक बार धीमी रफ्तार से कार चलाने की सलाह दी थी, जिसका वीडियो काफी वायरल हुआ था. धवन ने एक बार फिर उस वाकये को याद किया.
धवन ने सुनाई टैटू की कहानी
धवन ने अपने टैटू को लेकर कहा, 'जब मैं 14-15 साल का था तो मनाली गया था. तब मैंने सड़क किनारे बैठकर पीठ पर टैटू बनवा लिए थे. पहले कुछ महीने मैंने घरवालों को नहीं बताया. फिर जब पता चला तो पिता जी ने पिटाई कर दी. जब मैं टैटू करवा के आया तो डर गया क्योंकि मुझे क्या पता था कि वो सूई किस-किस के जिस्म में गई होगी. इसके बाद मैंने अपना HIV टेस्ट करवाया. यह प्रार्थना किया कि मुझे HIV नहीं हुआ हो और अभी तक निगेटिव हूं.'