पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने पाकिस्तान की टीम से खेल चुके एक हिन्दू खिलाड़ी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. एक टीवी चैट शो में उन्होंने कहा कि पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया हिंदू था इस वजह से उसके साथ भेदभाव किया जाता था.
अख्तर ने चैट शो में खुलासा किया कि टीम के खिलाड़ी कनेरिया को लेकर ये तक कहते थे कि वो दानिश कनेरिया के साथ खाना क्यों खाते हैं. उनका यह वीडियो वायरल हो रहा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है.
If an international cricketer like Danish Kaneria is treated so badly for being a Hindu in Pakistan, one can only imagine the plight of ordinary non-Muslims in our Islamic neighbourhood. And if CAA gives them refuge in India, why should Muslims, Congress and Communist oppose it? https://t.co/Pgk7UDhuIg
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 26, 2019
शोएब अख्तर का यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब देश में नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. दरअसल, नागरिकता कानून को लेकर प्रर्दशनकारियों द्वारा यह कहा गया कि यह कानून भारत के मुस्लमानों के खिलाफ है. वहीं, सरकार यह कह चुकी है कि यह कानून किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ नहीं है. यह कानून नागरिकता देने वाला है, नागरिकता लेने वाला नहीं.
अख्तर ने चैट शो में कहा, 'मेरे करियर में झगड़ा जो दो-तीन बंदों से हुआ. जब उन्होंने करांची, पेशावर और पंजाब की बात की तो मुझे बहुत गर्मी आती थी. यार कोई हिन्दू है न, वो खेलेगा. उसी हिन्दू ने टेस्ट सीरीज जिताई.'
शोएब के इतना कहते ही चैट शो में मौजूद डॉक्टर रियाज ने कहा, दानिश कनेरिया ने जिताई. इसके बाद शोएब ने कहा, 'बात खुल जाएगी. लेकिन, बता दूं कि कुछ प्लेयर्स ने मुझसे कहा कि ये (दानिश) यहां से खाना क्यों ले रहा है. मैंने उनसे कहा कि मैं तुम्हें यहां से उठाकर बाहर फेंक दूंगा. कप्तान होगे, तुम अपने घर के. वो तुम्हें 6-6 विकेट लेकर दे रहा है. इंग्लैंड में दानिश और शमी ने ही हमें सीरीज जिताई थी.'
शोएब ने कहा, 'दानिश हिंदू था. इसलिए उसके साथ नाइंसाफी हुई. कुछ प्लेयर्स को तो इस बात पर ऐतराज था कि वो हमारे साथ खाना क्यों खाता है?'
इसी चैट शो में मौजूद राशिद लतीफ ने कहा कि यूसुफ योहाना को भी ड्रेसिंग रूम में काफी तंग किया जता था क्योंकि वो ईसाई थे. जब तक वह इस धर्म में थे उन्हें परेशान किया जाता रहा. हालांकि बाद में उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया और मोहम्मद यूसुफ बन गए.