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Simran Shaikh Womens Premier League: झुग्गी-बस्ती से निकली स्टार क्रिकेटर सिमरन शेख, अब महिला IPL में बिखेरेगी अपनी चमक

मुंबई की धारावी बस्ती से निकलकर स्टार क्रिकेटर सिमरन शेख ने अपना अलग मुकाम बनाया है. अब यह स्टार प्लेयर महिला प्रीमियर लीग के पहले सीजन में अपनी चमक बिखरने के लिए तैयार है. नीलामी में सिमरन को यूपी वॉरियर्स की टीम ने खरीदा था. टीम का पहला मैच 5 मार्च को होगा...

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WPL में यूपी वॉरियर्स की स्टार प्लेयर सिमरन शेख.
WPL में यूपी वॉरियर्स की स्टार प्लेयर सिमरन शेख.

Simran Shaikh Womens Premier League: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तर्ज पर ही बीसीसीआई ने महिला प्रीमियर लीग (WPL) की शुरुआत की है. इस लीग के साथ ही महिला क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत हुई है. इस लीग के जरिए छोटी जगह से आने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों को अपनी काबिलियत दिखाने का मौका भी मिलेगा.

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इस लीग में ऐसी ही एक महिला खिलाड़ी को भी मौका मिला है, जिसका पूरा जीवन ही मुंबई की धारावी झुग्गी-बस्ती बीता है. करीब 550 एकड़ में फैली इस धारावी बस्ती में विभिन्न धर्मों और विभिन्न वर्गों के लगभग 10 लाख लोग रहते हैं. मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर इस बस्ती में 100 फीट की झोपड़ी में 8 से 10 लोग रहते हैं.

सिमरन को यूपी वॉरियर्स टीम ने खरीदा

इस धारावी को एशिया की सबसे बड़ी बस्ती माना जाता है. इस तरह की बस्ती से निकलकर महिला प्रीमियर लीग जैसे बड़े टूर्नामेंट में जगह बना पाना अपने आप में एक अलग काबिलियत है. इस महिला खिलाड़ी का नाम सिमरन शेख है. 21 साल की सिमरन लेग स्पिनर हैं और दाएं हाथ से बैटिंग करती हैं.

सिमरन इसी साल महिला प्रीमियर लीग के पहले सीजन के लिए नीलामी में शामिल हुई थीं. उनकी बेस प्राइज 10 लाख रुपये रखी गई थी. जब सिमरन का नाम आया, तो यूपी वॉरियर्स फ्रेंचाइजी ने बोली लगाकर सिमरन को बेस प्राइज पर ही खरीद लिया. बता दें कि यूपी वॉरियर्स टीम का इस लीग में पहला मैच 5 मार्च को गुजरात जायंट्स से होगा.

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सिमरन ने अपना क्रिकेट करियर धारावी की गलियों से शुरू किया था. उन्होंने लड़कियों के साथ नहीं, बल्कि लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था. सिमरन ने क्रिकेट की शुरुआत गली-मोहल्ले से की थी, लेकिन फिर वोक्रॉस मैदान पहुंची, जहां लगातार अभ्यास और प्रतियोगिता के बाद वह यूनाइटेड क्लब का हिस्सा बनीं. यहां से उनके लिए क्रिकेट को समझना और भी आसान हो गया था.

10वीं में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी

सिमरन ने कहा कि वह एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुई हैं. क्रिकेट खेलने में परिवार के सदस्यों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम चार बहनें और तीन भाई हैं. पिता वायरिंग का काम करते हैं. दो बहनें मुझसे बड़ी हैं. बाकी सब मुझसे छोटे हैं. मेरे बचपन से लेकर आज तक इस खेल में किसी ने दखल नहीं दिया.'

उन्होंने कहा, '10वीं क्लास में फेल होने के बाद पढ़ाई से किनारा कर लिया. फिर क्रिकेट में करियर बनाने का फैसला किया. मुंबई में स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने का अनुभव हासिल किया. वहां अंडर 19 क्रिकेट भी खेला. इसके बाद मुंबई की सीनियर टीम में भी खेलने का मौका मिला.' सिमरन मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करती हैं. उनका सपना भारतीय महिला टीम में खेलने का है. इतना ही नहीं, सिमरन देश के लिए वर्ल्ड कप जीतने का सपना देखती हैं. उन्होंने कहा कि यह कड़ी मेहनत से ही संभव हो सकता है.

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