भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) प्रेसिडेंट सौरव गांगुली आज (8 जुलाई) अपना 50वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. इस खास मौके पर दुनिया भर के फैन्स एवं क्रिकेटर्स गांगुली को जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं. सौरव गांगुली का शुमार भारत के सफलतम कप्तानों में होता है. 'दादा' के नाम से मशहूर गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश के बाहर भी जीतना जानती थी.
गांगुली ने चैपल की सिफारिश की
वैसे सौरव गांगुली को अपने सफलतम करियर में कुछ विवादों से भी दो-चार होना पड़ा था. इसी कड़ी में गांगुली और ग्रेग चैपल का विवाद आज भी भारतीय फैन्स के मन में ताजा है. सौरव गांगुली की ही सिफारिश पर बीसीसीआई ने ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया था. लेकिन इसका खामियाजा बाद में गांगुली को ही भुगतना पड़ा क्योंकि उन्हें कप्तानी गंवाने के साथ ही टीम से भी छुट्टी हो गई थी. हालांकि, गांगुली ने चार महीने बाद ही धमाकेदार कमबैक कर लिया था.
मैं इसे गलती नहीं मानता: गांगुली
अब गांगुली ने उस विवाद पर बड़ा बयान दिया है. गांगुली ने कहा कि भले ही उनके लिए काफी मुश्किल समय था, लेकिन चैपल की नियुक्ति को अपने करियर की सबसे बड़ी भूल नहीं मानते. गांगुली ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, 'यह कुछ हो जाने के बाद का विचार है. जब आप किसी की नियुक्ति करते हैं तो नियुक्ति करते हैं और अगर यह काम नहीं करता तो नहीं करता. ऐसा ही जीवन है. इसलिए मैं इसे कोई गलती नहीं मानता.'
मैं इसे ब्रेक के तौर पर लेता हूं: गांगुली
गांगुली ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि घरेलू क्रिकेट खेलना कठिन था, लेकिन पूरी स्थिति कठिन थी क्योंकि यह मेरी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से अलग चीज थी. इसलिए मैं इसे नियंत्रित नहीं कर सका. मैंने उससे पहले बिना ब्रेक के 13 साल तक भारत के लिए खेला था. मैंने कुछ भी मिस नहीं किया था, ना ही कोई सीरीज या टूर. मैंने आराम नहीं किया था जैसा कि अब बहुत सारे खिलाड़ी करते हैं. इसलिए मैं उन 4-6 महीनों को अपने पर 17 साल के करियर में एक ब्रेक के रूप में मानता हूं.'