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Sourav Ganguly: सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटने के मामले में नया ट्विस्ट, हाई कोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका

सौरव गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाने के खिलाफ कोलकाता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. गांगुली साल 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे. वैसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गांगुली तीन साल और पद पर बने रह सकते थे लेकिन उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला.

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सौरव गांगुली
सौरव गांगुली

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की पिछले महीने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद से छुट्टी हो गई थी. अब इस पूरे घटनाक्रम में एक नया मोड़ आया है. दरअसल, सौरव गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाने के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है. यह जनहित याचिका हाईकोर्ट के अधिवक्ता रामप्रसाद सरकार द्वारा दायर की गई.

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अगले सप्ताह हो सकती है सुनवाई

कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ अगले सप्ताह इस पर सुनवाई कर सकती है. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली साल 2019 में  बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे. उनका तीन साल का कार्यकाल अक्टूबर 2022 में समाप्त हो गया. वैसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गांगुली तीन साल और पद पर बने रह सकते थे, लेकिन उन्हें फिर से मौका नहीं मिला. 

रामप्रसाद सरकार ने तर्क दिया, 'उच्चतम न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा था कि गांगुली अगले तीन साल तक पद पर बने रह सकते हैं. शीर्ष अदालत के आदेश ने जय शाह के 2025 तक बीसीसीआई सचिव पद बने रहने का रास्ता साफ कर दिया था. अगर जय शाह अपने पद पर बने रहते हैं तो गांगुली क्यों नहीं.'

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ममता बनर्जी ने किया था गांगुली का सपोर्ट

रामप्रसाद सरकार यह भी कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बंगाल टीम के पूर्व खिलाड़ी होने के नाते सौरव गांगुली राज्य का गौरव हैं. सरकार कहते हैं, 'यह राज्य का अपमान है. उनकी बर्खास्तगी के पीछे निश्चित रूप से कुछ राजनीतिक साजिश है.'

सौरव गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद खूब राजनीतिक बवाल हुआ था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा कई नेताओं ने सौरव गांगुली के पक्ष में बयान दिए थे और उन्हें पद से हटाने को राजनीतिक साजिश बताया था.

रोजर बिन्नी को मिली थी जिम्मेदारी

50 साल के सौरव गांगुली की विदाई के बाद पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी 18 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे. रोजर बिन्नी उस भारतीय टीम के सदस्य थे जिसने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहली बार वनडे विश्व कप जीता था. रोजर बिन्नी जहां बीसीसीआई के नए बॉस बने, वहीं जय शाह सचिव पद पर अब भी विराजमान हैं.

उधर बीसीसीआई अध्यक्ष पद से छुट्टी होने के बाद गांगुली ने घोषणा की थी कि वह बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव लड़ेंगे, लेकिन वह अंतिम समय में हट गए. बाद में उन्होंने इस पद के लिए अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली का समर्थन किया था.

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गांगुली ने भारत को कई मैच जिताए

सौरव गांगुली का शुमार भारत के सबसे सफल कप्तानों में किया जाता है. उन्होंने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की. गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानती थी. सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 311 वनडे मैचों में गांगुली ने 41.02 के एवरेज से 11363 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 22 शतक और 72 अर्धशतक निकले.

रिपोर्ट: अनिर्बान सिन्हा रॉय

 

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