बीसीसीआई के निवर्तमान प्रेसिडेंट सौरव गांगुली को लेकर अब बड़ी खबर सामने आई है. गांगुली अब बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. गांगुली पहले भी सीएबी के प्रेसिडेंट रह चुके हैं. साल 2015 में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद गांगुली ने सीएबी का अध्यक्ष पद को संभाला था. वह अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने से पहले तक सीएबी में इस पद पर रहे थे.
सौरव के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद जगमोहन डालमिया के बेटे अभिषेक डालमिया सीएबी के अध्यक्ष बने थे. अब अभिषेक डालमिया का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है. ऐसे में सौरव गांगुली बाकी पदाधिकारियों के साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं. सीएबी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव इस महीने के अंत में होने की संभावना है.
बीसीसीआई से होनी है विदाई
50 साल के सौरव गांगुली की बीसीसीआई प्रेसिडेंट पोस्ट से विदाई तय हो चुकी है. पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी 18 अक्टूबर को औपचारिक तौर पर सौरव गांगुली की जगह ले लेंगे. रोजर बिन्नी उस भारतीय टीम के सदस्य थे जिसने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहली बार वनडे विश्व कप जीता था. रोजर बिन्नी जहां बीसीसीआई के नए बॉस बनने जा रहे हैं, वहीं जय शाह सचिव पद पर बने रहेंगे.
गांगुली ने पद से हटने को लेकर तोड़ी थी चुप्पी
चंद दिनों पहले सौरव गांगुली ने अध्यक्ष पद से हटने को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी थी. सौरव गांगुली ने कहा, 'पिछले तीन सालों में कई अच्छी चीजें हुई हैं. कोरोना काल में आईपीएल हुआ जो पूरे देश के लिए कठिन समय था. प्रसारण अधिकार रिकॉर्ड दाम पर बिके. अंडर 19 टीम ने विश्व कप जीता. काश महिला टीम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीत पाती, वे ऑस्ट्रेलिया को हरा सकते थे. सीनियर टीम ऑस्ट्रेलिया में जीती. बतौर प्रशासक ये सुनहरे पल थे.'
सचिन और पीएम मोदी का दिया था उदाहरण
सफलता हासिल करने को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, 'जीवन, उपलब्धियां और तरक्की छोटे-छोटे लक्ष्य के बारे में नहीं है. आप एक दिन में सचिन तेंदुलकरल या नरेंद्र मोदी नहीं बन सकते. आपको अपना जीवन, समय, दिन, सप्ताह और महीने देने पड़ते हैं. यही सफलता की कुंजी है.'सौरव गांगुली ने कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में चुनौतियां एक प्रशासक के तौर पर चुनौतियों से अधिक थी.
गांगुली ने कहा था, 'मैं आठ साल प्रशासन में रहा, लेकिन मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर की चुनौतियां अधिक होती हैं. प्रशासक के पास गलतियां सुधारने का समय होता है, लेकिन टेस्ट मैच में सुबह ग्लेन मैक्ग्रा की गेंद पर आप आउट हो गए तो आपके पास सुधार का कोई मौका नहीं है.'
गांगुली का क्रिकेट करियर
सौरव गांगुली का शुमार भारत के सबसे सफल कप्तानों में किया जाता है. उन्होंने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की. गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानती थी. सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 22 शतक और 72 अर्धशतक निकले.
(इनपुट: अनिर्बान सिन्हा रॉय)