IND vs SA, 3rd Test: साउथ अफ्रीका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को टेस्ट सीरीज पर कब्जा कर लिया. सीरीज जीत में अफ्रीकी कप्तान डीन एल्गर का भी अहम योगदान रहा, जिन्होंने कप्तानी के साथ ही बल्ले से भी चमकदार प्रदर्शन किया.अब डीन एल्गर ने केपटाउन टेस्ट में जीत के बाद अहम बयान दिया है.
डीन एल्गर ने कहा कि डीआरएस विवाद से उनकी टीम को भारत के खिलाफ निर्णायक तीसरे टेस्ट में लक्ष्य तक पहुंचने का समय मिल गया. क्योंकि विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम का ध्यान भटक चुका था. गौरतलब है कि तीसरे दिन डीन एल्गर को एलबीडब्ल्यू आउट देने के फैसले को तीसरे अंपायर ने बदल दिया, क्योंकि हॉकआई तकनीक में गेंद को स्टंप्स के ऊपर से जाते हुए दिखाया गया.
उस डीआरएस निर्णय के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ी काफी नाराज दिखाई दिए. यहां तक कि मैदानी अंपायर मराइस इरास्मस भी इस निर्णय से आश्चर्यचकित रह गए. कप्तान कोहली, उप-कप्तान केएल राहुल एवं सीनियर ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने साउथ अफ्रीकी ब्रॉडकास्टर प्रसारक सुपर स्पोटर्स को स्टम्प माइक पर तंज कसे.
जब यह डीआरएस विवाद हुआ, उस समय जीत के लिए 212 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने उस समय एक विकेट पर 60 रन था. इसके बाद भारतीय टीम डीआरएस विवाद में उलझ गई और मेजबान टीम ने अगले आठ ओवरों में 40 रन बना डाले.
एल्गर ने कहा, 'इससे हमें समय मिल गया और हमने तेजी से रन बनाए. इसके चलते लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिली. उस समय वे मैच के बारे में भूलकर जज्बाती हो गए थे. मुझे इसमें काफी मजा आया. शायद भारतीय खिलाड़ी दबाव में थे और हालात उनके अनुकूल नहीं थे, जबकि उन्हें इसकी आदत नहीं है.'
अफ्रीकी कप्तान ने कहा, 'हम बहुत खुश थे, लेकिन तीसरे और चौथे दिन अच्छी बल्लेबाजी करनी थी क्योंकि पिच से गेंदबाजों को मदद मिल रही थी. हमें अतिरिक्त अनुशासन के साथ अपने नेचुरल गेम पर अडिग रहकर खेलना था.'
पिछले साल सेंचुरियन में आयोजित बॉक्सिंग डे टेस्ट में 113 रनों से हार के बाद एल्गर ने टीम के साथ तल्ख बातचीत की जिसका नतीजा अनुकूल रहा. उन्होंने कहा, 'घरेलू सीरीज का पहला मैच हारना कभी भी अच्छा नहीं होता. हालांकि, साउथ अफ्रीका में धीमी शुरूआत करने का चलन बन गया है. हम पहला टेस्ट हारने के बाद जागे और अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करके बाकी मैच जीते.'