एक ओर जहां दिसंबर में भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे की संभावना जताई जा रही है वहीं दूसरी ओर आईपीएल प्रमुख राजीव शुक्ला के बाद अब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने इसके खेले जाने की संभावनाओं पर ही सवालिया निशान लगा दिया है.
राजीव शुक्ला ने कहा कि उन्हें निकट भविष्य में इस सीरीज के होने की कोई संभावना नहीं दिखती तो वहीं, सुनील गावस्कर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारत के चोटी के क्रिकेटर भविष्य में पाकिस्तान का दौरा करना चाहेंगे.
पाकिस्तान में छह साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई है जो कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए शुरुआती सफलता है लेकिन गावस्कर ने जिम्बाब्वे के दौरे को छोटा कदम करार दिया. श्रीलंका की टीम पर मार्च 2009 में आतंकी हमले के बाद पिछले छह साल में पाकिस्तान का दौरा करने वाली जिम्बाब्वे पहली टेस्ट टीम है.
पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई
गावस्कर ने कहा, 'देश के बोर्ड जो भी फैसला करें, मुझे पूरा विश्वास है कि यदि भारत के कई चोटी के खिलाड़ियों को आज वहां जाने के लिए कहा जाता है तो वे वहां जाना पसंद नहीं करेंगे. 2009 में जो कुछ हुआ अधिकतर खिलाड़ी वहां का दौरा करने से इंकार करेंगे.' गावस्कर से जब जिम्बाब्वे दौरे के बारे में पूछा गया जिसकी शुरुआत शुक्रवार को टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच से हुई, उन्होंने कहा, यह बहुत छोटा कदम है. अभी कई कदम उठाए जाने की जरूरत है जिसके बाद यह कह जा सके कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई है.
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि पाकिस्तान के युवाओं के लिए यह बड़ी बात है कि वे क्रिकेट के अपने नायकों को अपने सामने खेलते हुए देखेंगे. उन्होंने कहा, यह युवा पाकिस्तानियों के लिए अच्छा है कि उन्हें अपनी आंखों के सामने अपने नायकों को खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा.
- इनपुट भाषा