भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर सुनील गावस्कर ने चेन्नई की पिच की आलोचना करने वालों को लताड़ लगाई है. गावस्कर ने ने कहा कि जब ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड में 46 रनों पर आउट हो जाती है, तो वही लोग इस पर चुप्पी साध लेते हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में जारी टेस्ट मैच के दूसरे दिन 15 विकेट गिरे थे. इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 134 रनों पर सिमट गई थी. ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना 29वां 5 विकेट हॉल लिया था.
सुनील गावस्कर ने तीसरे दिन के खेल की शुरुआत में कहा कि हमने देखा कि कैसे रोहित शर्मा ने 150 प्लस स्कोर किया. वह गेंद के करीब जाकर बैटिंग कर रहे थे. यह हमेशा भारतीय पिचों के बारे में होता है, जब गेंद टर्न होने लगती है तो लोग सवाल खड़े करते हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम जब इंग्लैंड में सीमिंग विकेट पर 46 रनों पर आउट हो जाती है, तो वही लोग चुप्पी साध लेते हैं.
महान बल्लेबाज गावस्कर ने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं जो भारत और इंग्लैंड को पसंद नहीं करते हैं, यह ठीक है. हम उनके डबल स्टैंडर्ड से अच्छी तरह वाकिफ हैं. लेकिन, हमने रोहित शर्मा की पारी के साथ देखा और अगर पिच असंभव थी तो 329 रन नहीं बनते.
गावस्कर ने आगे कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण पिच है, और यही क्रिकेट में होना चाहिए. पहले टेस्ट में दो दिनों तक जब कुछ नहीं हो रहा था, तो लोग पिच को सपाट और उबाऊ बता रहे थे. आपको हर समय शिकायत नहीं हो सकती है. कुछ ऐसे हैं जो हमेशा इस बारे में शिकायत करते हैं. इंग्लैंड के 134 रन पर आउट होने के बाद रोहित ने दूसरी पारी में भी इंग्लैंड के स्पिनरों को अच्छी तरह खेला. सुनील गावस्कर ने कहा कि आप तर्क दे सकते हैं कि शायद इंग्लैंड के स्पिनर अश्विन की तरह अच्छे नहीं हैं. उन्होंने अश्विन या अक्षर की तरह सही लेंथ और लाइन पर गेंदें नहीं डालीं.
उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी में तकनीक और गेंदबाजी में स्किल बेहद आवश्यक होता है, जिस पर बहस होनी चाहिए. भारत दूसरी पारी में इंग्लैंड की पहली पारी के 134 रन से आगे निकल गया है. अगर इस पर बल्लेबाजी करना असंभव था, तो भारत को 134 से कम पर आउट किया जाना चाहिए था.