आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(CEO) डेविड रिचर्डसन ने का कहना है कि आईपीएल, बिग बैश और सीपीएल जैसी घरेलू टी20 लीगों की बढती लोकप्रियता द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के अस्तित्व के लिये खतरा है.
अपवाद हैं एशेज और बड़ी भारतीय सीरीज
हालांकि रिचर्डसन ने साफ किया कि इस मामले में एशेज और भारत की बड़ी सीरीज अपवाद हैं. रिचर्डसन ने कहा कि द्विपक्षीय सीरीज को बचाने के लिए जून में ब्रिसबेन में हुई आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस में कई संभावनाओं पर चर्चा की गई. इसके अलावा अक्टूबर में बोर्ड की अगली बैठक में भी इस पर बात की जाएगी. उन्होंने कहा, 'एशेज जैसी पारंपरिक सीरीज और भारत की भागीदारी वाली बड़ी सीरीजों को छोड़कर अधिकांश द्विपक्षीय सीरीजों का औचित्य नहीं रह गया है. अधिकांश सीरीजों, खासकर टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों की संख्या घटती जा रही है और इनसे राजस्व बढ नहीं रहे हैं.'
काफी बदल गया है परिदृश्य
उन्होंने आगे कहा, 'पिछले कुछ साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का परिदृश्य बदल गया है. आईपीएल, बिग बैश और कैरेबियाई प्रीमियर लीग जैसी टी20 लीगों से काफी बदलाव आया है. दर्शकों, प्रायोजकों, प्रसारकों की रूचि इनमें बढी है.' रिचर्डसन ने क्रिकेट वेबसाइट क्रिकइन्फो से कहा, 'इसी तरह पिछले आठ साल में विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी और टी20 विश्व कप में भी दर्शकों की रूचि बढी है. आईसीसी टूर्नामेंटों और घरेलू टी20 लीगों की लोकप्रियता में बढोतरी से द्विपक्षीय सीरीजों को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है.' द्विपक्षीय सीरीजों में दर्शकों की रुचि बहाल करने के लिये रिचर्डसन ने बेहतर मार्केटिंग और शेड्यूल पर जोर दिया.
करनी होगी बेहतर मार्केटिंग
उन्होंने कहा, 'हम द्विपक्षीय सीरीजों में रुचि कैसे बढा सकते हैं जिससे दर्शक ज्यादा संख्या पर मैदान में आयें, टीवी पर देखें, फोन, टैबलेट या कम्प्यूटर पर फॉलो करें. इसके लिए मार्केटिंग बेहतर करनी होगी और शेड्यूल भी अधिक व्यवहारिक होना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा,'मानसून सत्र में सीरीज कराने का क्या फायदा है. इसके अलावा ऐन मौके पर सीरीज के कार्यक्रम में बदलाव होने पर दर्शक कैसे उमड़ेंगे.'
क्वालीफाइंग लीग पर विचार हो रहा है
रिचर्डसन ने यह भी कहा कि प्रशासक टेस्ट और वनडे में क्वालीफाइंग लीग शुरू करने की भी सोच रहे हैं जिस पर आईसीसी बोर्ड के दमदार सदस्य भी राजी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लीग व्यवस्था आईसीसी रैंकिंग से बाहर रहेगी. उन्होंने कहा, 'अधिक त्रिकोणीय श्रृंखलाओं का आयोजन, एफटीपी और व्यक्तिगत श्रृंखलाओं की ब्रांड वैल्यू बनाना, वनडे क्रिकेट का नया ब्रांड बनाना और टेस्ट या वनडे विश्व कप क्वालीफाइंग लीग शुरू करना सुझावों में शामिल है.
इनपुट: भाषा