शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर को नमन किया है. सचिन ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट कर उस वाकये को याद किया, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी. साथ ही बताया कि गुरु की डांट उनके लिए कितना अहम सबक साबित हुई.
उन्होंने लिखा, 'शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं! आपने जो सिखाया, वो हमेशा मेरे काम आया. आपके साथ उस वाकये को साझा कर रहा हूं, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी.'
Happy #TeachersDay! The lessons you taught me have always served me well. Sharing an incident with you all that changed my life! pic.twitter.com/J1izUvPG3C
— sachin tendulkar (@sachin_rt) September 5, 2017
सचिन कहते हैं- मेरे स्कूल का एक अजीब सा अनुभव रहा. मैं अपने स्कूल (शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल) की जूनियर टीम में था और हमारी सीनियर टीम वानखेडे स्टेडियम (मुंबई) में हैरिस शील्ड का फाइनल खेल रही थी.
आचरेकर सर ने ऐसा कहा था-
उसी दिन कोच आचरेकर सर ने मेरे लिए एक प्रैक्टिस मैच का आयोजन किया था. उन्होंने मुझसे स्कूल के बाद वहां जाने के लिए कहा. उन्होंने कहा, 'मैंने टीम के कप्तान से बात की है, तुम्हें चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करनी है और फील्डिंग की कोई जरूरत नहीं है.'
लेकिन, मैंने कुछ और किया
उन्होंने आगे कहा- मैं वह अभ्यास मैच खेलने नहीं गया और वानखेडे स्टेडियम जा पहुंचा. जहां अपने स्कूल की सीनियर टीम को चीयर करने लगा. मैं ताली बजा रहा था और मैच का आनंद ले रहा था. खेल के बाद मैंने आचरेकर सर को देखा, मैंने उन्हें नमस्ते किया. सर ने मुझसे पूछा, 'आज तुमने कितने रन बनाए? '
सर ने मुझे सबके बीच डांटा
मैंने कहा- सर मैं सीनियर टीम को चीयर करने के लिए यहां आया हूं. यह सुनते ही, मेरे सर ने सभी लोगों के बीच मुझे डांटा. उन्होंने कहा, 'दूसरों के लिए ताली बजाने की जरूरत नहीं है. तुम अपने क्रिकेट पर ध्यान दो और ऐसा कुछ हासिल करो कि दूसरे तुम्हारे लिए ताली बजाएं.' मेरे लिए यह बहुत बड़ा सबक था, इसके बाद मैंने कभी भी मैच नहीं छोड़ा.
इसके बाद तो...
इसी के बाद फरवरी 1988 में तेंदुलकर (326 नाबाद) और विनोद कांबली (349 नाबाद) ने इतिहास रच दिया. आजाद मैदान में सेंट जेवियर्स हाई स्कूल के खिलाफ हैरिस शील्ड सेमीफाइनल में शारदाश्रम विद्यामंदिर के लिए दोनों ने 664 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की.