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विराट कोहली ने वर्कलोड की बात कहकर टी20 फॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया है. कोहली ने गुरुवार शाम को जब ट्वीट कर इसकी घोषणा की तो हर कोई हैरान हो गया. हालांकि कोहली ने साफ बता दिया है कि वह टी20 वर्ल्ड कप में टीम की कमान संभालेंगे, लेकिन वर्ल्ड कप शुरू होने के ठीक एक महीने पहले लिया गया उनका ये फैसला चौंकाने वाला है.
कप्तानी छोड़ने का ऐलान करते हुए कोहली ने कहा, 'वर्कलोड को समझना एक बहुत ही अहम बात है और पिछले 8-9 सालों में सभी 3 फॉर्मेट्स में खेलने और पिछले 5-6 सालों से नियमित रूप से कप्तानी करने पर काफी वर्कलोड को देखते हुए, मुझे लगता है कि टेस्ट और वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम की अगुआई करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए खुद को स्थान देने की जरूरत है.'
अब सवाल ये उठता है कि उनके ऊपर कप्तानी का ऐसा क्या वर्कलोड था. क्या क्रिकेट की दुनिया में वही एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करते हैं. कोहली वर्कलोड की बात कहकर कप्तानी से तो हट गए, लेकिन ये बात क्रिकेट फैन्स इतने आसानी से स्वीकार करने वाले नहीं हैं.
WTC फाइनल में हार के बाद खतरे में थी कप्तानी
दरअसल, वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में हार के बाद से ही कोहली पर कप्तानी से हटने का दबाव बनने लगा था. कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने आईसीसी की एक भी ट्रॉफी नहीं जीती है और WTC फाइनल में जो उसे मौका मिला था वो भी उसने गंवा दिया.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोहली टेस्ट क्रिकेट में भारत ही नहीं दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार हैं, लेकिन बात जब सीमित ओवरों की कप्तानी पर आती है तो कोहली जरूर पिछड़ जाते है. और यही कोहली की कमजोरी बन गई थी.
🇮🇳 ❤️ pic.twitter.com/Ds7okjhj9J
— Virat Kohli (@imVkohli) September 16, 2021
टी20 वर्ल्ड कप में हार के बाद उनसे कप्तानी छीनी जाती, उन्होंने पहले ही इस्तीफा देने का फैसला ले लिया. अब कोहली के पास कप्तान के तौर पर वर्ल्ड कप में खोने को कुछ नहीं है. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया अगर चैम्पियन बन जाती है तो ये कोहली के लिए बोनस होगा, क्योंकि उनपर जो बड़े टूर्नामेंट नहीं जीत पाने का टैग लगा है वो हट जाएगा.
विलियमसन पर भी तीनों फॉर्मेट में कप्तानी का बोझ
अब बात करते हैं वर्कलोड की. विराट कोहली की तरह न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन भी तीनों फॉर्मेट में अपनी टीम की कप्तानी करते हैं. लेकिन इसका ना तो उनके खुद के और टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ता दिखा है.
केन की कप्तानी में न्यूजीलैंड की टीम 2019 के वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी. इसके बाद वह टेस्ट चैम्पियनशिप में दमदार प्रदर्शन करते हुए खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया को मात दी. कीवी टीम वनडे का वर्ल्ड कप जीतने से चूक गई थी, लेकिन टेस्ट की वो चैम्पियन है.
विलियमसन 2012 से न्यूजीलैंड की टेस्ट टीम और 2015 से वनडे टीम की कप्तानी संभाल रहे हैं. उन्होंने टी20 टीम की कप्तानी 2016 में संभाली. वह पिछले 5 साल से हर फॉर्मेट में कीवी टीम की कप्तानी कर रहे हैं.
विलियमसन की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने 37 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से 22 में उसे जीत और 8 में हार मिली है. 7 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं. जीत का प्रतिशत 59.45 रहा है. वहीं वनडे में उन्होंने 77 मैचों में कप्तानी की, जिसमें से कीवी टीम 41 में जीत हासिल की और 33 में उसे हार का सामना करना पड़ा. जीत का प्रतिशत 55.33 का रहा.
टी20आई की बात करें तो उन्होंने 49 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें कीवी टीम को 23 में जीत और 24 में हार मिली है. जीत का प्रतिशत 48.95 का है. विलियसन न्यूजीलैंड टीम के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सनराइजर्स हैदराबाद की भी कप्तानी करते हैं.
केन इस दौरान कप्तानी में ही नहीं बल्लेबाजी में भी हिट रहे हैं. वह 2019 वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे. विलियमसन आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में दूसरे नंबर पर हैं.
विराट कोहली और केन विलियमसन मौजूदा दौर के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिन जाते हैं. दोनों शानदार कप्तान भी हैं, लेकिन कोहली को एक बात का मलाल जरूर रहेगा कि वह कप्तानी के साथ-साथ बल्लेबाजी में वो करिश्मा पिछले 2 वर्षों में नहीं कर पाए जो उनके 'दोस्त' केन विलियमसन ने किया है.