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IND vs SA, 2nd ODI: बल्लेबाज फेल, बॉलर नाकाम...राहुल की अगुवाई में फेल दिखी टीम इंडिया, ऐसे गंवा दी सीरीज

साउथ अफ्रीका दौरे से इस बार भारतीय टीम खाली हाथ लौट रही है. शुक्रवार को दूसरे वनडे मुकाबले में हार के बाद भारतीय टीम को ओडीआई सीरीज भी गंवानी पड़ी है.

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Team India (bcci)
Team India (bcci)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत को वनडे सीरीज में झेलनी पड़ी है हार 
  • इस शर्मनाक हार के पीछे छिपे हैं कई कारण

IND vs SA, 2nd ODI: साउथ अफ्रीका दौरे से इस बार भारतीय टीम खाली हाथ लौट रही है. शुक्रवार को दूसरे वनडे मुकाबले में हार के बाद भारतीय टीम को ओडीआई सीरीज भी गंवानी पड़ी है. इससे पहले तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भी भारतीय टीम को 1-2 से हार झेलनी पड़ी थी. आइए उन कारणों को जानते हैं, जिसके चलते भारत को वनडे सीरीज से हाथ धोना पड़ा है.

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अफ्रीका ने कई कैच छोड़े, फिर भी बड़ा स्कोर नहीं

दूसरे वनडे मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों को अफ्रीकी फील्डर ने काफी मौके दिए, खासकर केएल राहुल को. राहुल को 50 रनों के भीतर तीन बार जीवनदान मिला, जिसमें एक बार वह रन आउट होने से बचे. वहीं दो मौकों पर उनका कैच टपका दिया गया. राहुल इस जीवनदान का खास लाभ नहीं उठा सके. राहुल के अलावा वेंकटेश अय्यर और रविचंद्रन अश्विन को भी जीवनदान मिला, लेकिन इसके बावजूद भारत 300 रनों का आंकड़ा छू नहीं सका.

टॉप-3 में से दो बल्लेबाज नहीं चले

जब दूसरे मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी, तो फैंस को शिखर धवन और विराट कोहली जैसे वरिष्ठ बल्लेबाजों से काफी उम्मीदें थीं. दोनों खिलाड़ियों ने पहले वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया था, ऐसे में उम्मीदों का ज्वार उठना स्वाभाविक था. लेकिन दूसरे वनडे में दोनों बल्लेबाज नाकाम रहे. जहां धवन (29 रन) अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील कर नहीं पाए. वहीं पूर्व भारतीय कप्तान कोहली तो अपना खाता भी नहीं खोल पाए. धवन को पार्टटाइम स्पिनर एडन मार्करम ने और कोहली को भारतीय मूल के स्पिनर केशव महाराज ने चलता किया.

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भुवी दोनों मैचों में पूरी तरह नाकाम

भुवनेश्वर कुमार इस सीरीज में भारतीय गेंदबाजी की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुए हैं. दूसरे मैच में भी भुवनेश्वर ने महज 8 ओवर की गेंदबाजी करते हुए 67 रन खर्च कर डाले और उन्हें कोई भी सफलता हासिल नहीं हुई. पहले वनडे में भी भुवनेश्वर ने 10 ओवरों में 64 रन लुटा दिए. अगर भुवनेश्वर ने इन दोनों मुकाबलों में जसप्रीत बुमराह का साथ दिया होता, तो नतीजा कुछ और हो सकता है.

भारत के दोनों स्पिनर्स ने कमाल नहीं किया

ओडीआई टीम में कमबैक कर रहे ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहज पर मिडिल ओवरों में विकेट चटकाने का दारोमदार था. लेकिन दोनों स्पिनर्स नाजुक क्षणों में विकेट नहीं चटका सके. पहले मुकाबले में अश्विन को एक और चहल को कोई भी सफलता हाथ नहीं लगी थी. अब दूसरे मैच में अश्विन विकेट के लिए तरसते रहे, जबकि चहल को एक विकेट मिला.

कप्तानी पूरी तरह से बेदम नजर आई

केएल राहुल दोनों ही मुकाबले में कप्तानी में अपना जौहर नहीं दिखा पाए. पहले वनडे में जब टेम्बा बावुमा और रस्सी वेन डर डुसेन ने दोहरी शतकीय साझेदारी की. इस दौरान राहुल सही तरीके से बॉलर्स का इस्तेमाल कर पाए और फील्ड प्लेसमेंट में भी कमियां दिखाई दी. दूसरे मुकाबले में भी राहुल की कप्तानी क्विंटन डिकॉक और जानेमन मलान के सामने बेबस दिखाई दी. मलान और डिकॉक ने पहले विकेट के लिए 132 रनों की साझेदारी कर भारतीय टीम की उम्मीदें तोड़ दीं. इन दो वनडे मुकाबलों के अलावा हालिया जोहानिसबर्ग टेस्ट में भी केएल राहुल बतौर कप्तान फ्लॉप रहे थे.

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