scorecardresearch
 

India vs Australia Series: कंगारुओं के खिलाफ टीम इंडिया की टेस्टिंग...  वर्ल्ड कप से पहले सामने हैं ये 5 चैलेंज

एशिया कप 2023 में चैम्पियन बनने के बाद अब भारतीय टीम अपने घर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए पूरी तरह तैयार है. सीरीज का पहला मैच शुक्रवार (22 सितंबर) को मोहाली में खेला जाएगा. वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम इस सीरीज में अपनी 5 बड़ी चुनौतियों का हल तलाशना चाहेगी...

Advertisement
X
केएल राहुल और सूर्यकुमार यादव.
केएल राहुल और सूर्यकुमार यादव.

India vs Australia Series: भारतीय टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार (22 सितंबर) से तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जानी है. इसके ठीक बाद रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम अपने ही घर में वनडे वर्ल्ड कप खेलेगी. ऐसे में कंगारुओं के खिलाफ यह सीरीज एक तरह से टेस्टिंग है, जिसमें भारतीय टीम वर्ल्ड कप से पहले 5 बड़ी चुनौतियों को लेकर हल ढूंढने की कोशिश करेगी.

Advertisement

सीरीज के पहले दो मुकाबलों से कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, हार्दिक पंड्या और कुलदीप यादव को आराम दिया है. केएल राहुल को कप्तानी सौंपी गई है. जबकि तीसरे वनडे में भारतीय टीम अपने सभी स्टार खिलाड़ियों के साथ उतरेगी.

भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ कंगारुओं के खिलाफ इस सीरीज में टेस्टिंग के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वर्ल्ड कप से पहले उनके पास सभी आखिरी मौका है, जिसमें वो अपने सभी मुश्किल सवालों के जवाब तलाश सकते हैं. इनका टेस्टिंग के जरिए एक्सपेरिमेंट भी कर सकते हैं. आइए जानते हैं वर्ल्ड कप से पहले किन 5 मुश्किल चुनौतियों के जवाब तलाशना चाहेगी भारतीय टीम...

क्या होगा, जब ड्यू फैक्टर हो?

वर्ल्ड कप में सबसे बड़ा मसला ड्यू (ओस) फैक्टर ही होने वाला है. वर्ल्ड कप अक्टूबर-नवंबर में खेला जाएगा, जिसके ज्यादातर मुकाबले भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजे से खेले जाएंगे. ऐसे में शाम के बाद ओस एक बड़ा अहम रोल निभाने वाली है. हालांकि ICC ने बीसीसीआई को ओस से निपटने के लिए पिच पर कुछ घास छोड़ने के लिए कहा है, जिससे ओस से निपटा जा सके और स्पिनरों के भरोसे ना बैठना पड़े.

Advertisement

बता दें कि जब ओस अपना रंग दिखाती है, तब टारगेट डिफेंड करना मुश्किल हो जाता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी तीनों वनडे दोपहर 1.30 बजे से खेले जाने हैं. ऐसे में भारतीय टीम इस सीरीज के दौरान ओस का तोड़ निकालना चाहेगी. टीम मैनेजमेंट देखना चाहेगा कि यदि वर्ल्ड कप के किसी मैच में टीम ओस के फैक्टर में फंसती है, तो उससे कैसे निकल सकेंगे.

गेंदबाजों का कॉम्बिनेशन

वर्ल्ड कप इस बार भारत में ही होने वाला है. ऐसे में टीम इंडिया अपने घर में होने वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में अपने गेंदबाजी कॉम्बिनेशन को लेकर भी सुनिश्चित होना चाहेगी. इस कॉम्बिनेशन में तेज गेंदबाजों की भूमिका कितनी रहेगी और कितने पेसर कारगर हो सकते हैं? स्पिनरों की भूमिका किस प्रकार की रहने वाली है? इन सभी सवालों के जवाब इस सीरीज में ढूंढने की कोशिश रहेगी.

नंबर-4 और 5 का सिरदर्द

भारतीय टीम के लिए कुछ समय से बैटिंग में नंबर-4 का सिरदर्द बना हुआ था, लेकिन जब से चोट से ठीक होकर केएल राहुल ने धमाकेदार वापसी की है. तब से नंबर-4 का सिरदर्द दूर होता दिखा है. राहुल ने एशिया कप में इसी नंबर पर बैटिंग करते हुए रन बनाए हैं. 

Advertisement

राहुल ने पाकिस्तान के खिलाफ नंबर-4 पर बैटिंग करते हुए नाबाद 111 रनों की शतकीय पारी खेली थी. हालांकि श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में ईशान किशन को नंबर-4 पर भेजा था. जबकि राहुल ने नंबर-5 पर बैटिंग की थी. ऐसे में टीम मैनेजमेंट को यह स्पष्ट करना होगा कि आखिर इस नंबर-4 और 5 पर कौन परफेक्ट रहेगा. मिडिल ऑर्डर में यह दोनों नंबर के बल्लेबाज रीढ़ कहे जाते हैं.

निचले क्रम में दमदार बल्लेबाज

मिडिल ऑर्डर के बाद टीम को अपने निचले क्रम के बल्लेबाजों पर भी ध्यान देना होगा. नंबर-6 पर हार्दिक पंड्या और नंबर-7 पर रवींद्र जडेजा आते हैं. मगर उसके बाद 8 और 9 नंबर पर ऐसे प्लेयर लाए जा सकते हैं, जो ज्यादा नहीं, पर मैच जिताने लायक बैटिंग तो कर ही सकते हों.

यदि बतौर स्पिनर कुलदीप की जगह अश्विन को मौका मिलता है, तो वो 8 नंबर पर मजबूत बल्लेबाज हो सकते हैं. 9 नंबर पर बुमराह कुछ हाथ आजमा सकते हैं. यदि फिट होते हैं, तो अक्षर पटेल भी निचले क्रम में काफी अहम हो सकते हैं. इसके अलावा मोहम्मद शमी भी रन बनाने की काबिलियत रखते हैं.

बेंच स्ट्रैंथ को आजमाना बेहद जरूरी

वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की परफेक्ट प्लेइंग-11 लगभग सभी जानते हैं. मगर जरूरत पड़ने पर बेंच पर बैठे प्लेयर को भी अहम मैच में उतारा जा सकता है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में अपनी बेंच स्ट्रैंथ जरूर आजमाना होगी. ताकि मौका पड़ने पर उन्हें मैदान में उतारा जा सके.

Advertisement

यदि बगैर आजमाए वर्ल्ड कप में जाते हैं, तो चोटिल होने या किसी दूसरे कारण से बेंच पर बैठे किसी प्लेयर को मौका देना हो, तो किसी प्रकार की शंका ना हो.

Live TV

Advertisement
Advertisement