
Team India, Sourav Ganguly: भारतीय क्रिकेट इस वक्त एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है. टी-20 वर्ल्डकप से ठीक पहले शुरू हुए बदलाव ने एक टकराव की शक्ल भी ली, जिसमें दो दिग्गज आमने-सामने दिखे. विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ी, तो बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का बयान आया. बोर्ड और टीम के कप्तान के बीच का ये टकराव खुलेआम दिखाई दिया. लेकिन अब एक और चर्चा क्रिकेट वर्ल्ड में जोरो पर चल रही है, जहां बात टीम सेलेक्शन से जुड़ी है.
हाल ही में ये बात सामने आई थी कि टीम सेलेक्शन की जो मीटिंग होती है, उसमें कप्तान और सेलेक्टर्स के अलावा बोर्ड का एक अधिकारी भी शामिल होता है. ये अधिकारी कोई और नहीं बल्कि बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली ही हैं. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैन्स, कुछ बुद्धिजीवी और अन्य लोगों ने बहस को छेड़ा.
सवाल उठाया गया कि क्यों कोई बीसीसीआई बोर्ड अध्यक्ष टीम सेलेक्शन की मीटिंग में शामिल होता है, क्योंकि टीम चयन का पूरा अधिकार सिर्फ और सिर्फ सेलेक्टर्स के पास ही होता है. हालांकि, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली मीटिंग में शामिल होकर दखल देते हैं या नहीं, इस बात को बीसीसीआई से जुड़े सूत्रों ने नकारा है.
क्लिक करें: IPL से 45 हजार करोड़ तक कमा सकता है BCCI, मीडिया राइट्स के लिए Sony-Star में रेस!
कैसे सिलेक्ट होती है टीम, कौन होता है बैठक में शामिल?
किसी भी सीरीज, दौरे या बड़े टूर्नामेंट से पहले बीसीसीआई की सेलेक्शन कमेटी खिलाड़ियों का चयन करती है. सेलेक्शन कमेटी में पांच लोग होते हैं, जो अलग-अलग ज़ोन से चुने हुए होते हैं. सेलेक्शन कमेटी के पास टी-20, वनडे और टेस्ट टीम को चुनने का अधिकार है, वही कमेटी टीम में कप्तान, उप-कप्तान का चयन करती है.
सेलेक्शन कमेटी का हिस्सा होने के लिए पांच टेस्ट मैच, 30 फर्स्ट क्लास मैच या फिर 10 वनडे मैच खेलना ज़रूरी है. कोई भी खिलाड़ी जिसे रिटायरमेंट लिए हुए पांच साल हो गए हो, वह इस कमेटी का हिस्सा हो सकता है. जो खिलाड़ी मैच के हिसाब से सबसे सीनियर होता है, वह चीफ सेलेक्टर होता है.
जब भी टीम का सिलेक्शन होता है, तब सेलेक्टर्स के बीच वोट डाली जाती है. अगर टीम का कप्तान भी है, तो वह अपनी राय दे सकता है लेकिन उसका वोट नहीं गिना जाता है. मीटिंग के दौरान बोर्ड का कोई अधिकारी (सचिव शामिल हो सकता है, क्योंकि वह कन्वीनर भी है) बैठक में मौजूद रह सकता है, जिसका काम उस बैठक का संचालन करना है. बीसीसीआई के संविधान में इसको स्पष्ट रूप से कहा गया है.
क्या बोर्ड अध्यक्ष बैठक में शामिल हो सकता है?
जिस तरह की चर्चाएं जारी हैं कि बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली सेलेक्शन मीटिंग में हिस्सा लेते हैं, उसपर एक वेबसाइट से बोर्ड अधिकारी ने कहा है कि वह मीटिंग में शामिल होते हैं, लेकिन क्या उन्होंने सेलेक्शन में किसी तरह का दखल दिया बिल्कुल भी नहीं. हालांकि, उनका बैठक में मौजूद रहना किसी सेलेक्टर को प्रभावित जरूर कर सकता है.
बीसीसीआई का संविधान देखें तो टीम को चुनने का स्वतंत्र प्रभार पूर्ण रूप से सेलेक्टर्स पर ही है. बोर्ड अध्यक्ष या कोई अधिकारी उसमें दखलअंदाजी नहीं कर सकता है. हालांकि, जब टीम सेलेक्ट कर ली जाती है तब उसपर अंत में साइन बोर्ड अध्यक्ष द्वारा ही किए जाते हैं.
लेकिन बीसीसीआई के संविधान में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि अध्यक्ष किसी सेलेक्शन मीटिंग में शामिल नहीं हो सकता है. जबकि बोर्ड के किसी एक अधिकारी को शामिल होना ही होता है क्योंकि उसे मीटिंग का संचालन और उसमें हुई चर्चा के प्वाइंट इकट्ठा करने होते हैं.
बोर्ड अध्यक्ष का दखल कितना सही या गलत?
इस पूरे विवाद पर किताब ‘Sachin and Azhar at Cape Town’ के लेखक अभिषेक मुखर्जी ने हमें बताया, 'BCCI के संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि बोर्ड अध्यक्ष किसी बैठक में शामिल नहीं हो सकता है. अगर कानूनी तौर पर कोई अड़चन नहीं है, तो बोर्ड अध्यक्ष बैठक में हिस्सा ले ही सकता है. इसमें कोई भी आधिकारिक रूप से गलत नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि बोर्ड के संविधान में बदलाव किया जाना चाहिए और यह ज़रूरी कर देना चाहिए कि टीम सेलेक्शन मीटिंग में सेलेक्टर्स के अलावा कोई शामिल नहीं होगा.'
बता दें कि टीम सेलेक्शन मीटिंग में बोर्ड अध्यक्ष का दखल का मसला पहले भी भारतीय क्रिकेट में चुका है. जब 2011 में वर्ल्डकप जीतने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए 2012-13 का वक्त ठीक नहीं गया था. टीम इंडिया ने तब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में लगातार दो टेस्ट सीरीज़ हारी थीं, उस वक्त सेलेक्शन कमेटी का हिस्सा पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ कप्तान बदलना चाहते थे और एमएस धोनी की जगह किसी और को मौका देना चाहते थे.
तब बोर्ड की कमान एन. श्रीनिवासन के हाथ में थी, जो एमएस धोनी के करीबी माने जाते रहे हैं. एन. श्रीनिवासन ने बतौर बोर्ड अध्यक्ष सेलेक्टर के उस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया था. जिसके बाद मोहिंदर अमरनाथ की सेलेक्शन कमेटी से ही छुट्टी हो गई थी.