वर्ल्ड कप 2015 में टीम इंडिया का फाइनल खेलना तय है! यह बात किसी पंडित या पूर्व क्रिकेटर ने नहीं कही है. इस बात की भविष्यवाणी आंकड़ें कर रहे हैं. इस बार जब टीम इंडिया वर्ल्ड कप खेलने मैदान पर उतरी , तो किसी ने यह उम्मीद नहीं लगाई थी कि भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन में ऐसा करिश्माई बदलाव आ जाएगा. भारत पहले ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज हारा, फिर ट्राई सीरीज में भी मुंह की खानी पड़ी. लेकिन यह सब जो हो रहा था, तो पर्दे के पीछे यहीं से टीम इंडिया के वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन की तैयारी भी चल रही थी.
वर्ल्ड कप के इतिहास में टीम इंडिया ने अब तक तीन बार फाइनल खेला है, जिसमें दो बार खिताब जीतने में भी कामयाब रही है. 1983 में पहली बार भारत ने कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता. इसके बाद भारत को वर्ल्ड कप फाइनल खेलने के लिए करीब 20 साल का इंतजार करना पड़ा. 2003 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा लेकिन वहां भारत ऑस्ट्रेलिया से हार गया. इसके बाद आठ साल बाद 2011 में फिर भारतीय टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में थी और इस बार धोनी एंड कंपनी ने भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया.
इतिहास गवाह है कि जब जब टीम इंडिया किसी वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची, उससे ठीक पहले की सीरीज में उसे जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है. इस बार भी वर्ल्ड कप से ठीक पहले माही के शेर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के सामने बुरी तरह ढेर हुए थे. अगर इसे गुड लक माना जाए, तो इस बार भी टीम इंडिया 1983, 2003 और 2011 का कारनामा दोहराते हुए फाइनल तक का सफर तय कर सकती है.
1983 वर्ल्ड कप से पहले वेस्टइंडीज ने भारत को धोया, लेकिन टीम बनी थी चैंपियन
1983 वह साल था जब कपिल देव की कप्तानी में भारत ने पहली बार क्रिकेट की दुनिया में एक मुकाम बनाया. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस वर्ल्ड से पहले भारतीय टीम को वेस्टइंडीज के हाथों वेस्टइंडीज में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. भारत ने वहां तीन मैचों की सीरीज 2-1 से गंवायी थी. वेस्टइंडीज टीम की खतरनाक फॉर्म को देखते हुए किसी ने सोचा नहीं था कि भारत वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाएगा. लेकिन वर्ल्ड कप से पहले मिली वह हार शायद टीम इंडिया के लिए वरदान साबित हुई और भारत पहली बार वर्ल्ड क्रिकेट का बादशाह बन गया.
2003 वर्ल्ड कप से पहले न्यूजीलैंड में हार के बाद हर तरफ था निराशा का आलम
2003 में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, जवागल श्रीनाथ और अनिल कुंबले जैसे स्टार खिलाड़ियों से सजी टीम इंडिया को वर्ल्ड कप के फेवरेट के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन वर्ल्ड कप से ठीक पहले जो हश्र टीम इंडिया का न्यूजीलैंड में हुआ, उससे उम्मीद का दिया बुझता हुआ दिखा. भारत वहां 7 मैचों की वनडे सीरीज 5-2 से हार गया. लेकिन वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए टीम इंडिया ने फाइनल तक का सफर तय किया. हालांकि फाइनल में भारत, ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार गया. यहां भी वर्ल्ड कप से पहले मिली हार टीम इंडिया के लिए गुड लक ही लेकर आई.
2011 वर्ल्ड कप से पहले साउथ अफ्रीका से हारे, लेकिन दोबारा बने वर्ल्ड चैंपियन
2011 वर्ल्ड कप बेहद खास था, क्योंकि यह महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का आखिरी वर्ल्ड कप था. भारत इस टूर्नामेंट का को-होस्ट था, इसलिए उम्मीदें भी बहुत थीं कि इस बार तो भारत कप जीतेगा ही. वर्ल्ड कप से ठीक पहले तैयारियों के मद्देनजर टीम इंडिया साउथ अफ्रीका पहुंची, लेकिन वहां मेजबान टीम ने भारत को 5 मैचों की वनडे सीरीज में 3-2 से हरा दिया. एक बार फिर वर्ल्ड कप से पहले मिली हार भारत के पक्ष में रही और भारत दोबारा वर्ल्ड चैंपियन बन गया.