scorecardresearch
 

टीम इंडिया के रवींद्र जडेजा को कैसे मिली 'सर' की उपाधि

भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी भी खिलाड़ी को सर की उपाधि नहीं मिली है, लेकिन मजाक में ही सहीं रवींद्र जडेजा टीम इंडिया के पहले 'सर' उपाधि वाले क्रिकेटर बने. जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को सौराष्ट्र में हुआ था.

Advertisement
X
रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा

भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी भी खिलाड़ी को 'सर' की उपाधि नहीं मिली है, लेकिन मजाक में ही सही रवींद्र जडेजा टीम इंडिया के पहले 'सर' उपाधि वाले क्रिकेटर बने. जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को सौराष्ट्र में हुआ था. जडेजा ऑलराउंडर के तौर पर टीम इंडिया में खेलते हैं. 2012 में जडेजा ने कुछ ऐसा किया कि उन्हें 'सर' की उपाधि मिली. शिखर धवनः मूंछों को ताव देता 'धाकड़' बल्लेबाज

Advertisement

सोशल मीडिया पर जडेजा छा गए और ट्विटर पर 'सर रवींद्र जडेजा' को लेकर खूब जोक्स बने. खुद कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने कुछ जोक्स अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से शेयर किए. जडेजा के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके बारे में कुछ रोचक बातें बताएंगे, लेकिन सबसे पहले आपको बता देते हैं कि जडेजा कैसे बन गए 'सर रवींद्र जडेजा'

2012 में जडेजा दुनिया के आठवें और पहले ऐसे भारतीय क्रिकेटर बने जिसने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तीन ट्रिपल सेंचुरी ठोकी. ऐसा सर डॉन ब्रैडमैन, ब्रायन लारा, बिल पॉन्सफर्ड, वॉल्टर हैमंड, डब्ल्यूजी ग्रेस, ग्रीम हिक और माइक हसी कर चुके हैं. उस समय जडेजा की उम्र महज 23 वर्ष थी. इसके बाद ही उन्हें 'सर रवींद्र जडेजा' कहा जाने लगा. हालांकि यह उपाधि उन्हें मजाक में दी गई.

Advertisement

'सर' रवींद्र जडेजा के बारे में रोचक बातें:
1- जडेजा राजपूत परिवार से हैं और उनके पिता अनिरुद्धसिन्ह प्राइवेट सिक्युरिटी एजेंसी में वॉचमैन थे. 2005 में उनकी मां लता का एक हादसे में निधन हो गया था. जडेजा इतने सदमे में आ गए थे कि क्रिकेट छोड़ने की कगार पर आ गए थे. हालांकि उन्होंने वापसी की और आज टीम इंडिया में मजबूत जगह बना ली है.

2- 2005 में जडेजा भारत की अंडर-19 के सदस्य थे, उस समय उनकी उम्र 16 वर्ष थी. 2006 में श्रीलंका में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में जडेजा खेले थे और भारत उपविजेता बना था, फाइनल मैच में जडेजा ने पाकिस्तान के खिलाफ 3 विकेट झटके थे. 2008 में भी जडेजा अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा थे. भारत ने खिताब जीता और जडेजा ने 6 मैचों में 13 की औसत से 10 विकेट झटके थे.

3- फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जडेजा ने 2006-07 दिलीप ट्रॉफी के साथ डेब्यू किया. दिलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन की ओर से और रणजी में सौराष्ट्र की ओर से जडेजा खेले. 2011 नवंबर की शुरुआत में जडेजा ने ओडिशा के खिलाफ फर्स्ट क्लास क्रिकेट की पहली ट्रिपल सेंचुरी (375 गेंद पर 314 रन) जड़ी, इसके बाद नवंबर 2012 में गुजरात के खिलाफ (नाबाद 303) दूसरी और दिसंबर 2012 में रेलवे के खिलाफ तीसरी ट्रिपल सेंचुरी (501 गेंद पर 331 रन) जड़ी.

Advertisement

4- 2008-09 रणजी सीजन में जडेजा ने 42 विकेट झटके और 739 रन ठोके, इसी प्रदर्शन के दम पर उन्हें श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में ऑलराउंडर के तौर पर टीम में शामिल किया गया. फाइनल मैच में उन्हें खेलने का मौका मिला और पहले ही मैच में जडेजा ने नाबाद 60 रन ठोके. हालांकि भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था.

5- फरवरी 2013 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय दौरे पर आई और भारत ने टेस्ट सीरीज 4-0 से जीती. इस सीरीज में जडेजा ने शानदार प्रदर्शन किया था. जडेजा ने कुल 24 विकेट झटके थे और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को छह में से पांच पर जडेजा ने पवेलियन भेजा था. चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ जडेजा ने नाबाद 33 रन बनाए और दो अहम विकेट झटके. भारत को चैंपियन बनाने में जडेजा का अहम योगदान था.

6- अगस्त 2013 में आईसीसी की वनडे गेंदबाजों की रैंकिंग में जडेजा टॉप पर पहुंचे थे. अनिल कुंबले के बाद जडेजा पहले ऐसा भारतीय गेंदबाज बने जो वनडे गेंदबाजों की रैंकिंग में टॉप पर पहुंचे.

7- आईपीएल के पहले सीजन (2008) में जडेजा राजस्थान रॉयल्स टीम में थे. कप्तान शेन वॉर्न ने जडेजा को 'रॉकस्टार' निकनेम दिया था. इस सीजन में जडेजा ने 135 रन बनाए थे. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 131.06 के रहा, 2009 में यह और बेहतर हुआ और जडेजा ने 110.90 स्ट्राइक रेट से 295 रन ठोके. इस सीजन में जडेजा ने 6.5 से भी कम इकॉनमी रेट पर गेंदबाजी की.

Advertisement

8- 2010 आईपीएल में जडेजा नहीं खेल पाए जबकि 2011 आईपीएल में उन्हें कोच्चि टस्कर्स ने 5.9 करोड़ रुपये में खरीदा. 2012 प्लेयर ऑक्शन्स में जडेजा 9.8 करोड़ रुपये में बिके और चेन्नई सुपरकिंग्स ने उन्हें खरीदा. उस साल के सबसे महंगे प्लेयर जडेजा ही थे.

धोनी का 'सर' जडेजा को 'ट्वीट्स सलाम'








Advertisement
Advertisement