टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाली छह मैचों की वनडे सीरीज में बढ़े मनोबल के साथ उतरेगी, तो उसका लक्ष्य दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर पहली वनडे सीरीज जीतकर इतिहास रचना होगा.
सीरीज का पहला वनडे डरबन में भारतीय समयानुसार शाम 4.30 बजे शुरू होगा. वर्ल्ड कप-2019 के लिए अब केवल 14 महीने का समय बचा है और ऐसे में भारत इस सीरीज से क्रिकेट महाकुंभ के लिए अपनी तैयारियों की भी शुरुआत करेगा.
काफी व्यस्त है भारत का शेड्यूल
भारत को दक्षिण अफ्रीका से छह वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने के बाद श्रीलंका में ट्राई सीरीज में भाग लेना है. फिर आईपीएल 11 होगा, इसके बाद उसे इंग्लैंड और आयरलैंड में तीन वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने हैं. टीम इंडिया अगस्त में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड का दौरा करेगी.
इतने अधिक वनडे मैचों विशेषकर दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के प्रदर्शन के आधार पर टीम प्रबंधन को वर्ल्ड कप के लिए अपनी टीम सुनिश्चित करने का भी मौका मिलेगा. उसे टीम में जरूरी सुधार करने का अवसर भी मिलेगा. इन सबके बीच भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली द्विपक्षीय वनडे सीरीज जीतने की कोशिश करेगी.
अफ्रीका में भारत का रिकॉर्ड
भारत को अफ्रीका में खेली गई चार द्विपक्षीय सीरीज में हार का सामना करना पड़ा. उसने दो बार यहां ट्राई सीरीज में भी हिस्सा लिया, जिसमें तीसरी टीम जिंबाब्वे और केन्या थी, लेकिन तब भी दक्षिण अफ्रीका ही चैंपियन बना था.
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भारत का दक्षिण अफ्रीका में द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. अब तक टीम इंडिया ने अफ्रीका के खिलाफ उनकी सरजमीं पर द्विपक्षीय वनडे सीरीज में कुल 20 मैच खेले हैं, जिसमें से सिर्फ 4 में ही उन्हें जीत मिली है.
डरबन का रिकॉर्ड भारत को डराता है
पहला मैच डरबन में खेला जाएगा जहां भारत का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1992-93 से इस स्थान पर भारत ने जो सात मैच खेले हैं, उनमें से छह में उसे हार मिली, जबकि एक का परिणाम नहीं निकला. भारत ने हालांकि 2003 वर्ल्ड कप के दौरान यहां इंग्लैंड और केनिया को हराया था.
वनडे रैंकिंग में टीम इंडिया के पास टॉप करने का मौका
भारत की निगाह इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करके वनडे टीम रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल करना भी होगा. भारत अगर 4-2 से सीरीज जीत लेता है, तो वह दक्षिण अफ्रीका के स्थान पर शीर्ष पर पहुंच जाएगा. दोनों टीमों के बीच अभी केवल दो रेटिंग अंकों का अंतर है.
विराट कोहली की टीम ने पिछले सप्ताह वांडरर्स में अपना अजेय अभियान जारी रखकर टेस्ट मैचों में नंबर एक रैंकिंग भी बरकरार रखी. दक्षिण अफ्रीका ने भले ही टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती, लेकिन जोहानिसबर्ग में तीसरा मैच उसने 63 रन से गंवाया जहां की पिच को आईसीसी मैच रेफरी ने खराब करार दिया.
2016 से सीरीज नहीं हारी टीम इंडिया
भारत का फिलहाल वनडे रिकॉर्ड भी शानदार रहा है. उसने जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया से 1-4 से सीरीज गंवाने के बाद एक भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं गंवाई है. इस बीच उसने जिंबाब्वे, न्यूजीलैंड (दो बार), इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, श्रीलंका (दो बार) ओर ऑस्ट्रेलिया को हराया. इस दौरान भारत ने द्विपक्षीय सीरीज के 32 में से 24 मैच जीते.
भारत इस बीच केवल इंग्लैंड में पिछले साल खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से पराजित हुआ था.
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भारतीय टीम अच्छी फॉर्म में है. कप्तान कोहली श्रीलंका के खिलाफ लिमिटेड ओवर्स की सीरीज में नहीं खेले थे. इसलिए मिडिल ऑर्डर में एक या दो स्थानों पर फैसला करना होगा. श्रेयस अय्यर ने इस बीच अच्छी फॉर्म दिखाई थी और इसलिए उनका पक्ष मजबूत है, लेकिन यहां अनुभव को भी तवज्जो दी जाएगी तथा दिनेश कार्तिक और मनीष पांडे भी एक स्थान की दौड़ में हैं.
पिच और हालात
पिच भुरभुरी दिख रही है और डरबन में बारिश भी हुई है. कल भी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. ऐसे में देखना होगा कि भारत कितने स्पिनरों के साथ उतरता है. अगर एक स्पिनर प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाता है, तो चाइनामैन कुलदीप यादव को अक्षर पटेल और युजवेंद्र चहल पर तवज्जो दी जा सकती है, ताकि वह डेविड मिलर और जेपी डुमिनी जैसे बाएं हाथ के बल्लेबाजों पर अंकुश लगा सकें.
डिविलियर्स ने बढ़ाई अफ्रीका की चिंता
दक्षिण अफ्रीका की निगाह भी आगामी वर्ल्ड कप पर टिकी हैं, लेकिन उसे पहले तीन मैचों में एबी डिविलियर्स के बिना उतरना पड़ेगा, जिनकी उंगली चोटिल है. ऐसे में फरहान बेहरदीन को टीम में रखा जाता था, लेकिन इस बार उन्हें टीम में नहीं लिया गया है.
डरबन में जन्में बल्लेबाज खायालिला जोंडो अपना पदार्पण कर सकते हैं. एक अन्य विकल्प हाशिम अमला और क्विंटन डी कॉक के साथ पारी का आगाज करने और एडेन मार्करम को मध्यक्रम में उतारने का है. दक्षिण अफ्रीका एकमात्र स्पिनर इमरान ताहिर को लेकर उतर सकता है.