Team India in Asia Cup 2023: एशिया कप 2023 के सुपर-4 राउंड में श्रीलंका को हराकर भारतीय टीम ने फाइनल में जगह पक्की कर ली है. मंगलवार (12 सितंबर) को खेले गए इस मुकाबले में कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर बाकी सभी बल्लेबाजों ने निराश ही किया.
रोहित शर्मा ने अर्धशतकीय पारी खेली. उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज फिफ्टी नहीं लगा सका. इसका कारण कोई और नहीं, बल्कि श्रीलंकाई टीम का वो स्पिनर है, जिसकी गेंदें भारतीय बल्लेबाजों को समझ नहीं आईं. यह स्टार स्पिनर 20 साल के डुनिथ वेलालगे हैं, जिन्होंने 5 विकेट लिए. इसके अलावा बैटिंग में भी नाबाद 42 रन बनाए.
श्रीलंका के खिलाफ भले ही भारतीय टीम ने मैच जीत लिया हो, लेकिन इस मुकाबले में टीम की 5 बड़ी कमियां भी उजाकर हुई हैं. अब यदि भारतीय टीम को एशिया कप फाइनल जीतना है, साथ ही वनडे वर्ल्ड कप में धमाकेदार प्रदर्शन करना है, तो इन कमियों पर गौर करना होगा और उन्हें सुधारना होगा. आइए जानते हैं इन कमियों के बारे में...
- मिडिल ऑर्डर का फ्लॉप प्रदर्शन
श्रीलंका के खिलाफ कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने ओपनिंग में 80 रनों की शानदार पार्टनरशिप की थी. तब लग रहा था कि भारतीय टीम बड़ा स्कोर बना सकती है, लेकिन मिडिल ऑर्डर के खराब प्रदर्शन के चलते ऐसा नहीं हो सका. बीच में केएल राहुल और ईशान किशन ने चौथे विकेट के लिए 63 रनों की साझेदारी जरूर की, लेकिन कोई भी प्लेयर बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहा. यदि ऐसा ही हाल रहा तो टीम को काफी मुश्किलें हो सकती हैं.
- स्पिनरों के सामने घुटने टेके
मैच में सबसे हैरानी की बात यह रही कि भारत के खिलाफ सभी 10 विकेट स्पिनरों ने ही लिए थे. मैच में वेलालगे ने 10 ओवर में 40 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किए. उनके बाद दूसरे स्टार गेंदबाज ऑफ स्पिनर चरिथ असलंका रहे, जिन्होंने सबसे ज्यादा 4 विकेट अपने नाम किए. जबकि ऑफ स्पिनर महीश तीक्षणा ने 1 विकेट लिया. इस तरह क्रिकेट इतिहास में पहली बार भारतीय टीम के खिलाफ सभी 10 विकेट स्पिनरों ने लिए. यह टीम इंडिया के लिए एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी है.
- एक अंजान स्पिनर बन गया मिस्ट्री
20 साल के वेलालगे इस मैच में भारतीय टीम के लिए मिस्ट्री बनाकर सामने आए. उनकी गेंदबाजी ऐसी उलझी हुई रही कि विराट कोहली हों या रोहित शर्मा कोई भी नहीं समझ सका. वेलालगे ने भारत की आधी टीम को अकेले ही समेट दिया. इससे एक डर यह भी बन गया है कि अगर वर्ल्ड कप में कोई ऐसा बॉलर सामने आया, तो भारतीय टीम उससे कैसे डील करेगी. वर्ल्ड कप में हर मैच अहम रहेगा. वहां वापसी का कोई चांस नहीं होगा.
- फिर निचले क्रम के बल्लेबाज बने सिरदर्द
भारतीय टीम ने श्रीलंका के सामने 214 रनों का टारगेट सेट किया था. इसके बाद टीम इंडिया के गेंदबाजों ने कहर बरपाती हुई बॉलिंग की और 99 रनों पर ही श्रीलंका के 6 खिलाड़ियों को शिकार बना लिया था. मगर उसके बाद निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भारतीय टीम की मुश्किलें बढ़ा दी थीं.
7वें विकेट के लिए धनंजय डिसिल्वा और वेलालगे ने 63 रनों की अहम साझेदारी की थी. जब यह पार्टनरशिप चल रही थी, तब भारतीय टीम से मैच छिनने का खतरा बना हुआ था. वेलालगे ने नाबाद 42 और डिसिल्वा ने 41 रन बनाए थे. ऐसे में भारतीय टीम को अपनी यह कमी सुधारनी होगी, जिससे विपक्षी टीम के निचले क्रम के बल्लेबाज हावी ना हो सकें.
- कैच को लेकर करनी होगी तगड़ी तैयारी
बेशक श्रीलंका के खिलाफ रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल ने शानदार कैच लिए हों. बीच में कुछ अच्छी फील्डिंग और भी देखने को मिली थी. मगर इन सबके बीच फील्डिंग में ही भारतीय टीम की कुछ कमजोर कड़ी भी नजर आईं. सबसे पहले श्रीलंकाई पारी के 17वें ओवर में ईशान किशन ने चरिथ असलांका का आसान कैच छोड़ा था.
अच्छी बात यह रही कि असलांका 22 रन बनाकर आउट हो गए, वरना यह कैच भारी पड़ सकता था. इसके अलावा जब भारतीय टीम श्रीलंका के निचले क्रम के बल्लेबाजों को समेटने की कोशिश कर रही थी, तब एक समय रवींद्र जडेजा के पास बेहद आसान सा रनआउट करने का सुनहरा मौका आया था, लेकिन जल्दबाजी के चक्कर में उन्होंने यह मौका गंवा दिया.
यह वाकया श्रीलंकाई पारी के 40वें ओवर में हुआ था. हालांकि जडेजा बेहद शानदार फील्डर हैं, इसमें भी कोई शक नहीं है. मगर टीम इंडिया को आगे के मैचों में इन कमियों पर काम करना होगा. एक कैच छोड़ना या रनआउट का मौका गंवाना बड़े मैचों में भारी पड़ सकता है.